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प्रभु चावला
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Opinion
दिल्ली में राजनीति का नया दौर
सक्सेना राजनीति या शासन की पृष्ठभूमि से नहीं हैं, लेकिन लगता है कि मोदी व शाह ने उनमें वे खूबियां देखी हैं, जो अन्य नौकरशाहों में नहीं हैं.
Opinion
राज्यसभा की बदलती तस्वीर
इस चुनाव का असर राष्ट्रपति के चुनाव तथा भाजपा एवं उसके मित्रों व शत्रुओं के राजनीतिक भविष्य की रूपरेखा में होगा.
Opinion
प्रवक्ताओं के लिए संयम जरूरी
वैश्विक नेता के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्थापित करने में मिली सफलता को भी नुपूर शर्मा ने नुकसान पहुंचाया है.
Opinion
अगला राष्ट्रपति चुनने की तैयारी
राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने के ठीक पहले अनुमान लगाने वाले ये ज्ञानी जुटते हैं और उम्मीदवार चुनते हैं. पर जीत उसी की होती है, जो प्रधानमंत्री की पसंद हो.
Opinion
आबादी का बढ़ता बोझ चिंताजनक
आबादी में चीन से आगे निकलने के दुष्परिणामों की आशंका ने भारतीय सत्ता, बौद्धिकों, नीति निर्धारकों और यहां तक कि राजनेताओं को सोते से जगा दिया है.
Opinion
गांधी परिवार फिर सुर्खियों में
सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनी हुई हैं और बदलाव व लोकतांत्रिक चुनाव की आशा लगाये लोग चुप बैठे हैं.
Opinion
भाजपा में सांगठनिक बदलाव के मायने
उपद्रव से समाचार बनने के इस नये युग में कोई समाचार नहीं होना अच्छा समाचार है. विचारों के अभाव और बौद्धिक मूढ़ता के कारण पैदा हुए समाचार अकाल के दौर में किसी राजनीतिक दल में होने वाला नियमित सांगठनिक पुनर्गठन भी पहले पन्ने पर छा जाता है और प्राइम टाइम में हंगामे की वजह बन जाता है.
Opinion
विपक्ष को किंगमेकर की तलाश
औसत के कानून ने औसत के नेतृत्व को पनपने का अवसर दे दिया. फिर भी कांग्रेस के बिना कोई विकल्प कारगर नहीं हो सकता है, पर कांग्रेस समेत विपक्ष को एक किंग की जरूरत है, जो छोटे-छोटे रजवाड़ों को एकजुट कर सके, पर इससे पहले उसे किंगमेजर खोजना होगा. तभी उसका उद्धार हो सकता है.
Opinion
सशक्त राष्ट्रवाद के नये प्रतीक
राष्ट्रीय प्रतीक में शेरों की नयी आक्रामक छवि मोदी के बलवान भारत को प्रतिबिंबित करती है, जहां छद्म विनम्रता के लिए स्थान नहीं है. विभाजक लगने का जोखिम उठाते हुए किसी उद्देश्य के लिए भिड़ जाना अब सामान्य होता जा रहा है.