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प्रभु चावला

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मोदी के लिए अहम हैं अश्विनी वैष्णव

मंत्री के रूप में मिले बंगले के अलावा वैष्णव का असली घर मोदीनॉमिक्स और मोदीपॉलिटिक्स का कंटेनर है. वे कम बोलने और अपना काम चुपचाप करते रहने के लिए जाने जाते हैं.

संविधान एवं सर्वसम्मति के लिए जनादेश

भाजपा ने 2014 में 282 और 2019 में 303 सीटें जीती थीं. इस बार भाजपा लगभग 430 सीटों पर लड़ी थी, पर उसे 240 सीटें ही मिल सकीं. उसने 63 सीटें खो दी.

चुनाव के दौरान नकदी और नशीली चीजों की जब्ती

एक पखवाड़े पहले चुनाव आयोग ने बताया था कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने मार्च और पांचवें चरण के बीच नौ हजार करोड़ रुपये मूल्य की नगदी, आभूषण, शराब और नशीले पदार्थ जब्त किया.

मुद्दों से भटकाव लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह

लोकतंत्र के असली चौकीदार भारत के लोग हैं. हर पांच साल बाद लोग बड़े घरों, फ्लैटों, गांवों, झुग्गियों से निकलते हैं और शासक वर्गों के भाग्य का निर्धारण करते हैं.

चुनाव आयोग का कर्तव्य है लोकतंत्र की रक्षा

आयोग का प्रारंभ एक उच्च नैतिक स्तर के साथ हुआ था, जब पहला लोकसभा चुनाव कराने के लिए प्रतिष्ठित सिविल सेवा अधिकारी सुकुमार सेन को नियुक्त किया गया था. उन्होंने दूसरा आम चुनाव भी कराया था. अब तक 24 मुख्य चुनाव आयुक्त हो चुके हैं.

विदेशी मीडिया की नकारात्मक रिपोर्टिंग

स्पष्ट रूप से सरकार विदेशी मीडिया की रिपोर्टिंग से असहज है. घरेलू मीडिया की स्थिति बिलकुल अलग है. सरकार का मानना है कि ये रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और इनमें तोड़-मरोड़कर विचार पेश किये जा रहे हैं

सहयोगी दलों के सहारे है कांग्रेस पार्टी

चार दशक से पार्टी में नेतृत्व पैदा करने का तंत्र कमजोर होता जा रहा है. उसके पास एक ऐसा नेता नहीं है, जो विभिन्न जातियों, आस्थाओं और सामाजिक समुदायों से बने समावेशी भारत के साथ सफलता से जुड़ सके.

राजनीति में अनुकरण की रणनीति

भाजपा ने सारा दारोमदार मोदी पर छोड़ दिया है. विजेता के निर्धारण में महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. पूर्वी भारत में छोटे राज्यों में भाजपा मजबूत है, पर ओडिशा में मुकाबला होगा.

दांव पर क्षेत्रीय नेताओं का भविष्य

कांग्रेस अगली लोकसभा के गणित और नये भारत की राजनीति को अकेले निर्धारित नहीं कर सकती.
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