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प्रभु चावला
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Opinion
विधानसभा चुनाव में स्थानीय पर जोर
आधी सदी से अधिक समय से मध्य प्रदेश की राजनीति पर रजवाड़ों और उच्च वर्गों का वर्चस्व रहा है. साल 1956 में राज्य बनने के बाद से वहां पहले तीन दशक में 12 कांग्रेसी मुख्यमंत्री हुए, जिनमें अधिकतर ब्राह्मण या ठाकुर थे. भाजपा (जनता पार्टी के रूप में) ने 1977 में कांग्रेस के वर्चस्व को तोड़ा
Opinion
गाजा संकट और अमीर मुस्लिम देश
सऊदी अरब, कतर, यूएइ, तुर्की के अलावा इंडोनेशिया और बांग्लादेश जैसे देशों ने विकास के मामले में बाकी दुनिया की राह पकड़ी है. सऊदी अरब अब लुभावने विज्ञापन के जरिये अपनी छवि चमका रहा है. यूएइ पहले से ही पर्यटकों और व्यवसायियों के लिए एक मनपसंद जगह रहा है.
Opinion
राष्ट्रीय नेताओं पर निर्भरता का चलन
इंदिरा गांधी ने पार्टी को अपनी निजी जागीर की तरह चलाना शुरू कर दिया था और वह दौर प्रादेशिक नेताओं की कब्रगाह साबित हुआ. उनके बाद राजीव गांधी और सोनिया गांधी भी इसी लकीर पर चलते रहे.
Badi Khabar
नीति-निर्माता भी बनें महिलाएं
नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने 10 महिला मंत्री बनाये और सुषमा स्वराज को पहली महिला विदेश मंत्री और निर्मला सीतारमण को वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार देकर इतिहास रचा. स्मृति ईरानी स्वतंत्रता के कैबिनेट स्तर की मानव संसाधन विकास मंत्री बननेवाली पहली महिला मंत्री बनीं.
Opinion
भारतीयों के प्रति अमेरिका का दोहरापन
अमेरिकी खजाने में सबसे ज्यादा पैसे भरनेवाले समुदायों में भारतवंशी भी हैं. वहां कट्टर गोरों की नफरत के पीछे भारतीयों की आर्थिक और सांस्कृतिक श्रेष्ठता एक बड़ी वजह है.
Opinion
नये नामों की जगह नया शहर चाहिए
आजादी के 77वें वर्ष में भारत को नया भारत बनने के लिए किसी रेलवे स्टेशन पर नया नेमप्लेट लगाने की जरूरत नहीं. उसे नये नामों की जगह नये शहर चाहिए, और पुराने शहरों को और साफ और बेहतर होना चाहिए.
Opinion
समाज में बढ़ती खाई को पाटने का समय
लगभग सभी राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से अवैध धार्मिक इमारतों को ढहाने के लिए बार-बार भेजे गये निर्देशों पर कोई ध्यान नहीं दिया
Opinion
फैलता जा रहा है स्पैम कॉल का जाल
बड़ी टेक कंपनियों ने तकनीक को तो सस्ता कर दिया, लेकिन इससे टेलीमार्केटिंग करने वालों की एक फौज तैयार हो गयी. ई-कॉमर्स की दुनिया में योगगुरुओं, यौन परामर्शदाताओं और फिटनेस पर ज्ञान देने वालों की बाढ़ आ गयी है. उन्हें खुद को गुरु साबित करने के लिए विज्ञापन पर महंगे खर्च नहीं, बस एक फोन चाहिए होता है..
Badi Khabar
जाति की सियासी बिसात पर राजस्थान
गांधी परिवार यह तो समझता है कि सचिन का युवा होना और स्वच्छ छवि पार्टी के लिये एक पूंजी है, मगर उनकी जाति बोझ बन जाती है. वे गूजर समुदाय से हैं, जिनकी राज्य की आबादी में हिस्सा दो अंकों में भी नहीं पहुंचता. सचिन की सबसे बड़ी भूल अपनी पहचान गूजर समुदाय से जोड़ना थी.