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प्रभु चावला
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Opinion
भारतीयों के प्रति अमेरिका का दोहरापन
अमेरिकी खजाने में सबसे ज्यादा पैसे भरनेवाले समुदायों में भारतवंशी भी हैं. वहां कट्टर गोरों की नफरत के पीछे भारतीयों की आर्थिक और सांस्कृतिक श्रेष्ठता एक बड़ी वजह है.
Opinion
नये नामों की जगह नया शहर चाहिए
आजादी के 77वें वर्ष में भारत को नया भारत बनने के लिए किसी रेलवे स्टेशन पर नया नेमप्लेट लगाने की जरूरत नहीं. उसे नये नामों की जगह नये शहर चाहिए, और पुराने शहरों को और साफ और बेहतर होना चाहिए.
Opinion
समाज में बढ़ती खाई को पाटने का समय
लगभग सभी राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से अवैध धार्मिक इमारतों को ढहाने के लिए बार-बार भेजे गये निर्देशों पर कोई ध्यान नहीं दिया
Opinion
फैलता जा रहा है स्पैम कॉल का जाल
बड़ी टेक कंपनियों ने तकनीक को तो सस्ता कर दिया, लेकिन इससे टेलीमार्केटिंग करने वालों की एक फौज तैयार हो गयी. ई-कॉमर्स की दुनिया में योगगुरुओं, यौन परामर्शदाताओं और फिटनेस पर ज्ञान देने वालों की बाढ़ आ गयी है. उन्हें खुद को गुरु साबित करने के लिए विज्ञापन पर महंगे खर्च नहीं, बस एक फोन चाहिए होता है..
Badi Khabar
जाति की सियासी बिसात पर राजस्थान
गांधी परिवार यह तो समझता है कि सचिन का युवा होना और स्वच्छ छवि पार्टी के लिये एक पूंजी है, मगर उनकी जाति बोझ बन जाती है. वे गूजर समुदाय से हैं, जिनकी राज्य की आबादी में हिस्सा दो अंकों में भी नहीं पहुंचता. सचिन की सबसे बड़ी भूल अपनी पहचान गूजर समुदाय से जोड़ना थी.
Opinion
ब्रांड मोदी को दमदार क्षेत्रीय नेताओं की जरूरत
साल 1990 से 2004 के बीच आडवाणी-वाजपेयी की टीम ने विचारधारा और जमीनी काम में दक्ष युवाओं की टोली तैयार की थी.
Opinion
मस्क का उपनिवेश बन गया है ट्विटर
ट्विटर का तरीका अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अलग है. यह अभिव्यक्ति की लत लगाने वाला मंच है और इसलिए यह स्वाभाविक रूप से राजनीतिक वर्ग के लिए मजबूत औजार है.
Opinion
संतानों की राजनीति और कांग्रेस
कांग्रेस में नेहरू-गांधी परिवार तो उत्तराधिकार हासिल करता है, पर यही अधिकार पार्टी के अन्य बड़े नेताओं को नहीं दिया जाता. बाहरी मामलों में राजनीति बच्चों का खेल है.
Opinion
विदेश नीति में राजनीतिक दृष्टि भी हो
प्रधानमंत्री कार्यालय अमेरिका की घटना से भी क्षुब्ध है. खालिस्तानी अतिवादियों के लिए अमेरिका लंबे समय से सुरक्षित शरणस्थली है. पर हालिया घटनाओं की आक्रामकता के चलते सरकार को भारतीय डिप्लोमैटों की समीक्षा करनी पड़ रही है.