मुंबईः बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ दायर एक अवमानना याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली. याचिका पहले खारिज कर दी गयी थी क्योंकि याचिक दायर करने वाले वकील एजाज नकवी अदालत में पेश नहीं हो पाए थे. पिछले साल अदालत के खिलाफ राज के एक बयान पर यह याचिका दायर की गयी थी.
न्यायमूर्ति पी वी हरदास और न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर की खंडपीठ ने नकवी की ओर से दायर याचिका बहाल कर ली. याचिका में अदालत की अवमानना के लिए राज पर कार्रवाई की मांग की गयी है. पीठ ने आज केंद्रीय कानून मंत्रलय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय को भी निर्देश दिया कि वे जून तक अपना जवाब दाखिल करें.
महाराष्ट्र के महाधिवक्ता ने कार्रवाई शुरु करने पर पहले ही अपनी सहमति दे दी है. केंद्रीय कानून मंत्रलय को अपना विचार देना है जबकि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को इसलिए प्रतिवादी बनाया गया क्योंकि भाषण की फुटेज यानी वीडियो उसके पास है. नकवी के मुताबिक, राज ने फरवरी 2012 में बंबई उच्च न्यायालय के एक आदेश को ‘‘पक्षपातपूर्ण’’ करार दिया था.
पिछले साल 5 फरवरी को उच्च न्यायालय ने मनसे की वह याचिका खारिज कर दी थी जिसमें मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क में एक रैली आयोजित करने के लिए अनुमति मांगी गयी थी. शिवाजी पार्क में रैली आयोजित करने की अनुमति इसलिए नहीं दी गयी थी क्योंकि यह क्षेत्र ‘साइलेंस जोन’ के तहत आता है. राज ने न्यायालय के इस फैसले को ‘‘पक्षपातपूर्ण’’ करार देते हुए इसकी आलोचना की थी.