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सुशांत सरीन

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अन्य बड़े खतरों पर भी नजर रहे

वायरस के खिलाफ लड़ाई तो जारी रखनी ही है, लेकिन जो दूसरा वायरस है छोटे स्तर का और जो इसके खत्म होने के बाद बरकरार रहेगा- कट्टरपंथ का या अलगावाद का वायरस- उस पर भी नजर रहे.

दुश्मनी बढ़ा रहा है चीन

प्रधानमंत्री मोदी ने तो चीन के साथ रिश्ते बेहतर करने की पूरी कोशिश कर ली. आज तक चीन ने ऐसा कौन सा कदम उठाया है, जिससे आपको लगता है कि वह रिश्ते को बेहतर करना चाहता है.

राफेल से बढ़ेगी सैन्य ताकत

कई बेबुनियाद आरोपों और अड़चनों के बावजूद सरकार ने एक जरूरी फैसला किया है, उसकी सराहना करने की जरूरत है. यह एक अहम और स्वागतयोग्य कदम है.

कमला हैरिस पर इतना उत्साह क्यों

अमेरिकी चुनाव में किसी भी मूल का अमेरिकी नागरिक जीते, हमें इस बात से फर्क नहीं पड़ना चाहिए. यदि भारत के हितों के साथ अमेरिकी हित मिलते हैं, तो इसमें हमारा फायदा है.

बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान की गलत मंशा

मानवाधिकारों के हनन के मामलों को हमें पुख्ता प्रमाण के तौर पर पेश करना चाहिए. मौखिक के बजाय इन मामले को लेकर तथ्यों के साथ पेश आना चाहिए, ताकि अन्य देशों को भी ये बातें समझ में आयें.

आतंकवाद का खतरा बरकरार

मेरी राय में विदेश मंत्री यह रेखांकित कर रहे थे िक आतंकवाद खत्म होगा, तो लोगों के मानवाधिकार खुद-ब-खुद बहाल हो जायेंगे. आतंक के साये में मानवाधिकार संभव नहीं है.

पाकिस्तान पहले आतंक पर रोक लगाये

कुछ ठोस नतीजा हासिल करना है, तो पाकिस्तान को अलगाववाद और आतंकवाद की अपनी नीति पर अंकुश लगाना होगा.

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी

दशकों से जारी युद्ध और आतंक से तबाह अफगानिस्तान का पुनर्निर्माण संभव है, लेकिन अमेरिकी सेनाओं की वापसी के बाद की परिस्थितियों के बारे में निश्चित तौर पर कुछ भी कह पाना संभव नहीं है.

गृहयुद्ध तेज होगा अफगानिस्तान में

तालिबान साफगोई से किसी साझा सरकार के बारे में अपनी राय नहीं पेश करते. यह समझना मूर्खता ही है कि उनके साथ सत्ता में साझेदारी की जा सकती है.
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