BREAKING NEWS
उमेश चतुर्वेदी
Browse Articles By the Author
Lok Sabha Election 2024
दलबदल की राजनीतिक संस्कृति
आज के दौर में राजनीति के लिए प्रमुख शर्त वैचारिक प्रतिबद्धता कहीं खो गयी है. पहला मकसद चुनाव जीतना भर रह गया है. इस दौर की राजनीति के लिए सत्ता साध्य बन चुकी है, साधन तो खैर वह है ही.
Opinion
चुनाव में दांव पर विपक्ष की साख भी है
जब कांग्रेस की आज की तुलना में ज्यादा ताकतवर बहुमत की सरकारें होती थीं, तब डॉ राम मनोहर लोहिया, मधु लिमये, पीलू मोदी आदि जैसे कुछ विपक्षी सांसदों के चलते सरकारें अक्सर सवालों के घेरे में आ जाती थीं.
Opinion
राजनीति और अपराध का खतरनाक गठजोड़
शाहजहां शेख के मामले ने राजनीतिक दलों के सामने एक चुनौती छोड़ी है कि क्या कोई राजनीतिक दल ऐसा नहीं हो सकता, जो 22 कैरट ठोस नैतिकता की राजनीति करे.
Badi Khabar
किसान आंदोलन के बदलते तेवर
दो साल पहले, 2021 की 26 जनवरी को दिल्ली में जैसी अराजकता फैलायी गयी, उसके बाद से सामान्य सहानुभूति के पात्र रहे किसानों को लेकर लोक विश्वास में दरार पड़ी.
Badi Khabar
नागरिकता संशोधन कानून का मकसद व्यापक
बड़ी बात यह है कि नागरिकता संशोधन कानून बुनियादी रूप से भारतीय मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. इसका मकसद सराय की तरह मानते हुए लगातार सीमा पार से भारत आने वाले लोगों की पहचान सुनिश्चित करना और अवैध आप्रवासन रोकना है.
Badi Khabar
राम के जरिये लोक में बहती सहज धारा
राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा ने कमंडल और मंडल को साथ ला दिया है. राम के जरिये लोक में बहती सहज धारा इस बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण बन गयी है. इसका यह मतलब नहीं कि प्राण-प्रतिष्ठा के बाद देश में रामराज्य आ जायेगा.
Badi Khabar
मायावती का एकला चलो रे राग
विपक्षी गठबंधन के साथ अगर वह जातीं, तो निश्चित तौर पर उन्हें केंद्रीय राजनीति में भाजपा विरोधी ताकतों की धुरी बनी कांग्रेस के साथ-साथ संभवतः समाजवादी पार्टी की भी बात सुननी पड़ती. मायावती अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में जाती हैं.
Badi Khabar
अस्तित्व के बजाय विरोध में कांग्रेस की दिलचस्पी
राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह का बुलावा कांग्रेस के लिए अल्पसंख्यकवाद की राजनीति का उत्तर भारतीय वोटरों के बीच जवाब देने का मौका हो सकता था. वह समारोह में शामिल होकर कह सकती थी कि राम सबके हैं, किसी दल विशेष के नहीं.
Badi Khabar
राम मंदिर को लेकर ऊहापोह में है कांग्रेस
राम मंदिर न्यास ने ऐतिहासिक दिन के लिए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रित किया है. लेकिन कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अब तक फैसला नहीं ले पाया है कि उसे इस समारोह में शामिल होना चाहिए या नहीं.