BREAKING NEWS
Trending Tags:
उमेश चतुर्वेदी
Browse Articles By the Author
Opinion
मध्य प्रदेश में संगठन के साथ शिवराज की भी जीत
तीन हिंदी भाषी राज्यों में जीत से भाजपा का उत्साह, मनोबल बढ़ेगा, जिसके जरिये वह लोकसभा चुनावों में आगे आने के लिए पुरजोर ताकत झोंकेगी. कांग्रेस भले ही तेलंगाना जीत गयी है, परंतु विपक्षी गठबंधन में उसकी स्वीकार्यता में दरार बढ़ेगी.
Opinion
सहयोगियों की अनदेखी करती कांग्रेस
कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में जीत के बाद लगता है कि अब उसी के लिए बयार बह रही है. लेकिन उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि कर्नाटक, हिमाचल, मध्य प्रदेश और राजस्थान में उसे जीत पहले भी मिली, लेकिन लोकसभा चुनावों में भाजपा की लहर के सामने वह नहीं टिक सकी.
Opinion
असहमति पर मीडिया से असहज कांग्रेस
मीडिया के असर से कितने मतदाता प्रभावित होते हैं, यह शोध का विषय हो सकता है, लेकिन यह भी सच है कि सिर्फ मीडिया के जरिये न तो चुनाव लड़े जा सकते हैं और न ही जीते जा सकते हैं.
Opinion
डीएमके की नकारात्मक राजनीति
संघ पर अक्सर बांटने का आरोप लगाया जाता है. विडंबना ही है कि विखंडन का यह आरोप पेरियारवादी भी लगाते हैं, जिन्होंने समाज को बांटा और एक छोटे समुदाय को सबसे ज्यादा नकारात्मक तरीके से निशाना बनाया है.
Opinion
वायदे पूरा करने के स्रोत भी बताएं पार्टियां
अनाप-शनाप वायदों को कई बार जनदबाव में पूरा भी किया जाता है तो उसका साइड इफेक्ट समूचे राज्य के आर्थिक तंत्र पर पड़ता है, और प्रकारांतर से आम लोगों को ही झेलना पड़ता है.
Opinion
अनूठी सामाजिक क्रांति के अगुवा थे बिंदेश्वर पाठक
डॉक्टर पाठक ने जिस तरह की सामाजिक क्रांति की, वह अनूठी है. वे समाजशास्त्र के अध्यवसायी थे, यही वजह है कि उन्होंने सामाजिक ढांचे में ऐसा हस्तक्षेप किया
Opinion
दंगे की आड़ में छिपे अपराधियों की हो पहचान
वैसे तो जांच एजेंसियां हर पहलू पर ध्यान देंगी, जिसमें आपराधिक कोण भी हावी रहेगा. परंतु यह तय है कि इस तरफ आम लोगों का ध्यान कम ही जाता है.
Opinion
यह अब सिर्फ ‘आकाशवाणी’ है
सार्वजनिक प्रसारण को स्वायत्तता देने वाले प्रसार भारती अधिनियम में भी आकाशवाणी नाम ही देने की बात कही गयी है. प्रसार भारती अधिनियम 15 नवंबर, 1997 से लागू हुआ
Badi Khabar
लोकहित के लिए बनें स्वास्थ्य नीतियां
देश की स्वास्थ्य सेवा में पैसे का कितना बोलबाला बढ़ गया है, इसे देखने के लिए, ईश्वर ना करे, किसी को गंभीर रूप से बीमार होना पड़े. अगर आप सरकारी अस्पताल में पहुंच गये, तो यह आपके भाग्य पर निर्भर करेगा कि आपका किसी भले डॉक्टर से पाला पड़े.