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योगेंद्र यादव

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नवीनतम सर्वेक्षण के बहाने भारत की खोज

HCE Survey : हाल ही में भारत सरकार ने 2023-24 के लिए ग्रामीण और शहरी भारत की पारिवारिक आमदनी के आंकड़े प्रकाशित किये हैं. तकनीकी रूप से इसे 'घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण' कहा जाता

संविधान का वर्ष था यह साल

Constitution : आज से 25 वर्ष पहले संविधान निर्माण की रजत जयंती के वक्त अधिकांश नागरिकों को 26 नवंबर का ठीक से पता भी नहीं था. इस उदासीनता का फायदा उठाकर सरकार ने संविधान के कामकाज की समीक्षा के लिए एक राष्ट्रीय आयोग का गठन कर दिया था.

Places of Worship Act 1991 : सब भारतवासी मिलकर एक लकीर खींच दें

Places of Worship Act 1991: इतिहासकार बताते हैं कि शुंग वंश के ब्राह्मण राजा पुष्यमित्र शुंग ने पूर्व से पश्चिम तक अनगिनत बुद्ध और जैन धर्मस्थलों का ध्वंस किया था. मध्यकाल में भी मराठा फौज ने श्रीरंगपट्टनम के मंदिर को ध्वस्त किया था.

संवैधानिक लोकतंत्र और भारत की आत्मा

जिम्मेदारी अब फिर जनता और जन संगठनों पर आन पड़ी है कि वे भारतीय संविधान की आत्मा को बचाने का संघर्ष तेज करें.

Election in India : लोक उत्सव जैसे होते थे पहले के चुनाव

Election in India : पिछले चार दशकों में चुनावों के दौरान देश और दुनिया के अलग-अलग कोनों की धूल फांकने का मुझे मौका मिला, अखबार, टेलीविजन और अब यूट्यूब पर मैंने विश्लेषण किया है, एक बार खुद चुनाव लड़ने और कई बार चुनाव लड़ाने का अवसर भी मुझे मिला है.

पहुंच से दूर होते शिक्षा के अवसर

Education Opportunities : अंग्रेजी के लालच में अभिभावक अपने बच्चों को महंगे प्राइवेट स्कूलों में भेज रहे हैं, पर उसमें भी बच्चों का हाथ तंग है. ग्रामीण निजी स्कूलों में (अधिकांश अंग्रेजी मीडियम) पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले 47 फीसदी बच्चे अंग्रेजी का एक साधारण-सा वाक्य पढ़ सकते थे, और मात्र 29 प्रतिशत उसका अर्थ बता सकते थे.

असली अमेरिकी चेहरे को बेनकाब करता चुनाव

US Election 2024 : अमेरिकी चुनाव को देखने के तीन नजरिये हो सकते हैं. पहला, बाकी दुनिया की तरह हम उत्सुकता से परिणाम का अनुमान लगा सकते हैं, मानो यह इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का टेस्ट मैच हो. अमेरिकी राजनीति के विद्वानों की राय मानें, तो इस बार कांटे की टक्कर है.

भारत की संत परंपरा को खोजना जरूरी

Tradition of India : संत ज्ञानेश्वर, तुकाराम, एकनाथ, नामदेव, जनाबाई, रामदास, शेख मोहम्मद, गोटा कुम्हार और रोहिदास की परंपरा ने सदियों तक इस प्रदेश की संस्कृति को परिभाषित किया. लेकिन 20वीं सदी आते-आते यह परंपरा लुप्त प्राय हो जाती है.

मणिपुर पर देश में सन्नाटा पसरा है

Manipur news : अगर विपक्षी दलों की किसी सरकार में जंगलराज की खबर होती, तो चल भी जाती. तो, कुछ ऐसी खबर लाइए, जिसमें कुछ रस हो, हमारे रीडर्स के लिए दिलचस्पी हो.’ चलिए, मैं कोशिश करता हूं कि कुछ-कुछ सनसनीखेज खबर सुनाऊं आपको.
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