मोबाइल एप से रैगिंग रोकेगा कोल्हान विवि

चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय में जल्द एंटी रैगिंग मोबाइल एप की शुरुआत की जायेगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ‘ एंटी रैगिंग मोबाइल एप’ बनाया है. उसके निर्देश पर कोल्हान विवि भी एप शुरू करने की तैयारी में जुट गया है. देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में इस तरह के एप का इस्तेमाल किया जा रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2017 12:05 PM

चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय में जल्द एंटी रैगिंग मोबाइल एप की शुरुआत की जायेगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ‘ एंटी रैगिंग मोबाइल एप’ बनाया है. उसके निर्देश पर कोल्हान विवि भी एप शुरू करने की तैयारी में जुट गया है. देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में इस तरह के एप का इस्तेमाल किया जा रहा है.

इसमें रैगिंग से पीड़ित विद्यार्थी अपनी शिकायत कर रहे हैं. कोल्हान विवि में भी इस साल से यह एप शुरू हो जायेगा. इस मोबाइल एप्लिकेशन से छात्रों को रैगिंग की समस्या से निबटने में मदद मिलेगी. एप में कॉलेज का नाम, अपना नाम और समस्या लिखना होगा. उसके बाद विवि प्रशासन विद्यार्थियों की मदद करेगा. अब तक रैगिंग की शिकायत करने के लिए वेबसाइट का सहारा लेना पड़ता था. विवि प्रशासन के मुताबिक कॉलेज परिसर में अधिकतर सीनियर छात्र अपने जूनियर की मदद और मार्गदर्शन करते हैं. हालांकि कुछ रैगिंग के मामले भी आते हैं, जिन्हें पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत है. छात्र को मानसिक या शारीरिक यातना देना रैगिंग है, जिसकी अनुमति नहीं दी जायेगी. इसमें यह एप कारगर साबित होगा.

एंड्रॉयड सिस्टम पर करेगा कार्य

यह एप एंड्रॉयड सिस्टम पर कार्य करेगा, जहां छात्र तुरंत अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे. सुरक्षा की दृष्टि से यह एक अच्छा कदम है. इससे छात्रों में सुरक्षा की भावना आएगी. इसके अलावा जो रैगिंग मामले में शामिल होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. उन्हें उस संस्थान में अपनी पढ़ाई जारी करने की अनुमति नहीं होगी. उन्हें कानून के मुताबिक सजा दी जायेगी. सीनियर छात्र अपने जूनियर छात्रों के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेंगे.

इंजीनियरिंग कॉलेजों में रैगिंग के सर्वाधिक मामले : कोल्हान विवि के अंगीभूत कॉलेजों में रैगिंग के मामले नहीं के बराबर आते हैं. इंजीनियरिंग कॉलेजों से सबसे अधिक रैंगिंग के मामले पहुंचते हैं.

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