पढ़िये कैसे स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं एप्स, पहला डिजिटल भाषा महोत्सव
डिजिटल इंडिया के इस दौर में भाषा का महत्व भी बढ़ा है. स्थानीय भाषाओं को फिल्मों के जरिये एक अलग पहचान मिल रही है. कई जगहों पर बहुत कुछ लिखा और पढ़ा जा रहा है लेकिन तकनीक ने भाषा की पहुंच और प्रेम को और विस्तार दिया है. शेयरचैट एप्स पर "मीठी बोलियां"महोत्सव मनाया जा […]
डिजिटल इंडिया के इस दौर में भाषा का महत्व भी बढ़ा है. स्थानीय भाषाओं को फिल्मों के जरिये एक अलग पहचान मिल रही है. कई जगहों पर बहुत कुछ लिखा और पढ़ा जा रहा है लेकिन तकनीक ने भाषा की पहुंच और प्रेम को और विस्तार दिया है. शेयरचैट एप्स पर "मीठी बोलियां"महोत्सव मनाया जा रहा है. यहां हरयाणवी, भोजपुरी, अवधी, बृज, राजस्थानी,बुंदेली, छत्तीसगढ़ी और उर्दू भाषाओं के लिए उत्सव का आयोजन किया गया है.
अलग अलग भाषाओं के लिए अलग – अलग दिन. हर दिन भाषा से संबंधित कोई न कई कविता, कहानी या बतकही हो रही है. बिहार के नेहाल तिवारी ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने बिहार की तारीफ़ करते हुए बिहार की खासियत भी बताई. अजय अवतार ने अपनी आवाज़ में गाया हुआ गीत पोस्ट करा जिसे लिखने वाले भी एक शेयरचैट यूजर, आशु यादव ही थे. काफी और यूजर्स ने तरह तरह की फ़ोटो, कवितायेँ और जोक्स भी पोस्ट किये. अप्रैल 2017 में Google और KPMG द्वारा किये गए एक अध्ययन में ये सामने आया कि 2021 तक देश में 75% लोग अपनी मातृ-भाषाओँ में इंटरनेट प्रयोग कर रहे होंगे. उसी अध्ययन में यह सामने आया कि अगले 5 वर्षों में इंटरनेट पर आने वाले 10 में से 9 लोग अपनी भारतीय भाषा में इंटरनेट प्रयोग करना चाहेंगे.
शेयरचैट के CEO फ़रीद अहसन ने कहा "शेयरचैट का फोकस हमेशा से भारतीय इंटरनेट यूज़र्स के लिए ऐसा सोशल मीडिया प्लेटफार्म बनाना रहा है जो कि उन्हें अपनी संस्कृति अपने बोलचाल से जुड़ा हुआ एक भारत विशेष अनुभव दे. शेयरचैट की पूरी टीम को इस बात पर गर्व है कि हम भारतीय भाषाओं के लिए सोशल मीडिया पर पहली बार इस स्तर का महोत्सव मना रहे हैं.
क्या है शेयरचैट
शेयरचैट भारतीय भाषाओँ में उपलब्ध अपनी तरह का पहला सोशल मीडिया प्लेटफार्म है जो कि अभी 8 भारतीय भाषाओँ में उपलब्ध है: हिंदी, मराठी, तेलुगू, मलयालम, गुजराती, पंजाबी,बांग्ला और तमिल शेयरचैट ऐप अब तक 1 करोड़ से अधिक लोगों के द्वारा डाउनलोड किया गया है.