प्रदूषण कम करने को वाहन निर्माताओं की मांग – 15 साल पुरानी गाड़ियों पर लगे प्रतिबंध

नयी दिल्ली: वाहन निर्माताओं के औद्योगिक संगठन सियाम (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स) ने सरकार से देश में 15 साल पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है ताकि प्रदूषण के स्तर में कमी लायी जा सके. सियाम ने सरकार से कहा है कि देशभर में ऐसे पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2017 4:42 PM
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नयी दिल्ली: वाहन निर्माताओं के औद्योगिक संगठन सियाम (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स) ने सरकार से देश में 15 साल पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है ताकि प्रदूषण के स्तर में कमी लायी जा सके. सियाम ने सरकार से कहा है कि देशभर में ऐसे पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए वह कानून लेकर आये.

सियाम के 57वें वार्षिक सम्मेलन में अशोक लेलैंड के सीईओ-एमडी और सियाम के प्रेसिडेंट विनोद के दसारी ने यहां कहा, वाहन उद्योग प्रदूषण कम करने के लिए बहुत कुछ कर रहा है.

हम भारत स्टेज-6 उत्सर्जन मानकों की ओर बढ़ रहे हैं. प्रदूषण कम करने के प्रयासों के क्रम में ही हमारा सरकार से आग्रह है कि वह 15 साल से पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाये.

सियाम के वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए दसारी ने कहा कि उन्होंने सरकार से एक राष्ट्रीय ऑटोमोटिव बोर्ड बनाने और डिजाइन क्षमता बढ़ाने के लिए कहा है, जो ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में मदद करेगा.

उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग की नीतियों में हालिया परिवर्तनों के चलते यह उद्योग इस समय कई बाधाओं से जूझ रहा है. उन्होंने कहा कि हर विकसित देश में एक मजबूत वाहन उद्योग होता है और भारत को भी इस बारे में सोचना चाहिए.

यहां यह जानना गौरतलब है कि पिछले एक साल में ऑटो सेक्टर के नियमों में कई बदलाव किये जा चुके हैं. बतातेचलें कि बढ़ते वायु-प्रदूषण के ही चलते दिल्ली-एनसीआर में 15 साल से पुराने वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है.

इसके साथ ही 15 साल से पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराने पर भी रोक लगी हुई है. वहीं, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली में 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों के संचालन पर रोक लगा रखी है.

दूसरी आेर, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय पहले ही 2000 सीसी से ज्यादा बड़ी डीजल गाड़ियों की बिक्री को दिल्ली-एनसीआर में बैन कर दिया था. यही नहीं, प्रदूषण कीही वजह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल शहर में ऑड-ईवन स्कीम की शुरुआत की थी.

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