फोन के IMEI नंबर से छेड़छाड़ करनेवालों की अब खैर नहीं…!
सरकार ने एक एेसा कदम उठाया है, जिससे चोरी के मोबाइल फोन की खरीद-बिक्री पर लगाम लगेगी. दरअसल, इंडियन टेलीग्राफ एक्ट की धारा 7 और धारा 25 के संयोजन से सरकार ने एक नियम बनाया है, जिसके तहत मोबाइल के IMEI नंबर में छेड़छाड़ को दंडनीय अपराध बना दिया गया है. इस नियम के मुताबिक, […]
सरकार ने एक एेसा कदम उठाया है, जिससे चोरी के मोबाइल फोन की खरीद-बिक्री पर लगाम लगेगी.
दरअसल, इंडियन टेलीग्राफ एक्ट की धारा 7 और धारा 25 के संयोजन से सरकार ने एक नियम बनाया है, जिसके तहत मोबाइल के IMEI नंबर में छेड़छाड़ को दंडनीय अपराध बना दिया गया है.
इस नियम के मुताबिक, दोषी पाये जानेवालेके खिलाफ तीन साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान तय किया गया है.
सरकार ने मोबाइल फोन चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया है. IMEI नंबर किसी भी मोबाइल के लिए 15 अंकों की विशिष्ट डिजिटल संख्या होती है.
दूरसंचार विभाग ने इस बारे में एक अधिसूचना पिछले दिनों जारी की थी. इस कदम से फर्जी IMEI नंबर से जुड़े मामलों पर लगाम लगाने और खोये मोबाइलहैंडसेट्स का पता लगाने में मदद मिलने की उम्मीद है.
अधिसूचना के मुताबिक, किसी भी मोबाइल के अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (IMEI) नंबर में जान-बूझकर छेड़खानी, बदलाव या उसे मिटाना अवैध है. नये नियम को मोबाइल उपकरण पहचान संख्या में छेड़छाड़ निषेध नियम 2017 नाम दिया गया है.
अब अगर कोई जान-बूझकर मोबाइल पहचान नंबर से छेड़छाड़ करता है, तो उसके खिलाफ पुलिस और केंद्रीय या राज्य की एजेंसियां टेलीग्राफ कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर सकती हैं.
साथ ही अदालतें ऐसे मामलों में अधिकतम तीन साल की सजा और जुर्माना लगा सकती हैं. जुर्माने की राशि अधिकतम दो लाख रुपये तक हो सकती है.
इसकेसाथ ही, दूरसंचार विभाग एक नयी प्रणाली भी लागू करनेकी तैयारी कर रहा है. इसके तहत किसी भी नेटवर्क के गुम हुए और चोरी हुए मोबाइल की सभी सेवाएं बंद की जा सकेंगी. चाहे उसके सिम या IMEI नंबर को बदल ही क्यों न दिया जाये.
आमतौर पर होता यह है कि किसी का मोबाइल फोन गुम होने या चोरी होने पर उसका IMEI नंबर बदल कर उसे औने-पौने दाम पर चोर बाजार में बेच दिया जाता था. नये नियम से अब इस गोरखधंधे पर लगाम लगेगी.