टाटा की सबसे सस्ती कार नैनो अब बंद होने के कगार पर पहुंच चुकी है. टाटा के गुजरात स्थित साणंद प्लांट में हर दिन सिर्फ दो नैनो कारों का निर्माण हो रहा है.
टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने वर्ष 2008 में नौवें ऑटो एक्सपो में देश की सबसे सस्ती कार के रूप में इसे लांच किया था. इस कार की लांचिंग के समय इसे रतन टाटा ने अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया था.
तब कंपनी ने इस कार की बिक्री के बारे में जो अनुमान लगाया था, वह2,50,000 यूनिट्स सालाना था. लेकिन आठ सालों में यह कार कभी 80,000 का आंकड़ा भी नहीं छू पायी.
इसकी सबसे बड़ी वजह बनी इसकी लगातार बढ़ती कीमत. 1 लाख रुपये की कीमत पर लांच की गयी इस कार की कीमत 2.25 लाख से 3.20 लाख रुपये (दिल्ली में एक्स शोरूम) पहुंच चुकी है.
खबरों के अनुसार, टाटा मोटर्स के शोरूम वाले पिछले तीन-चार महीनों से नैनो का ऑर्डर भी नहीं ले रहे हैं. अब शोरूम पर कंपनी के नये आये मॉडल – टिगोर, टियागो, हेक्सा और नेक्सन को ही डिस्प्ले के लिए रखाजा रहा है.
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, टाटा नैनो को बंद करने कीसबसे बड़ीवजह यह है कि इसका महीने का प्रोडक्शन और सेल घट गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त 2016 में कंपनी ने अपने देश भर में फैले अपने 630 आउटलेट्स पर टाटा नैनो की 711 यूनिट भिजवायी थी, वहीं अगस्त 2017 में यह आंकड़ा केवल 180 यूनिट रह गया. इसके बाद सितंबर में यह आंकड़ा 124 यूनिट और अक्तूबर में यह मात्र 57 यूनिट रह गया.
यहां जानना गौरतलब है कि टाटा नैनो की डिमांड मुख्य तौर पर टैक्सी सेगमेंट में रह गयी है. हालांकि कार का प्रोडक्शन पूरी तरह बंद नहीं किया गया है. नैनो का प्रोडक्शन अब रोजाना न होकर केवल जरूरत के हिसाब से किया जा रहा है. कंपनी ने अपना फोकस टाटा टियागो और टाटा टिगोर जैसे मॉडल्स पर लगा दिया है.
नैनो की जगह लेगी निओ
हाल ही में आयी खबरों के मुताबिक, नैनो का इलेक्ट्रिक वर्जनतैयार किया जा रहा है. इसे टाटा मोटर्स और कोयंबटूर स्थित जयम ऑटोमोटिव्स मिल कर बना रहे हैं. इस नयी कार का नाम निओ होगा.