Good morning का संदेश देखने में ही लॉस हो रही आपके स्मार्टफोन की मेमोरी

वाशिंगटन : अगर आप स्मार्टफोन के सबसे अधिक शौकीन हैं और सुबह जागते ही सुप्रभात, शुभ प्रभात या फिर गुड मॉर्निंग का संदेश देखने का शौक रखते हैं, तो यह आपके स्मार्टफोन के लिए हानिकारक है. इसका कारण यह है कि इस तरह के संदेश आपके स्मार्टफोन की मेमारी को लॉस करने में अहम भूमिका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2018 9:25 PM

वाशिंगटन : अगर आप स्मार्टफोन के सबसे अधिक शौकीन हैं और सुबह जागते ही सुप्रभात, शुभ प्रभात या फिर गुड मॉर्निंग का संदेश देखने का शौक रखते हैं, तो यह आपके स्मार्टफोन के लिए हानिकारक है. इसका कारण यह है कि इस तरह के संदेश आपके स्मार्टफोन की मेमारी को लॉस करने में अहम भूमिका अदा करते हैं.

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दरअसल, नया-नया इंटरनेट सीखे हम भारतीयों ने व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य माध्यमों से जब संवाद करना शुरू किया, तो सबसे ज्यादा संदेश ‘शुभ प्रभात’, ‘गुड मॉर्निंग’ इत्यादि के भेजने शुरू किये, लेकिन हमने कभी गौर नहीं किया कि यह संदेश हमारे स्मार्टफोन की मेमोरी को खा जाते हैं और उनमें नये संदेश इत्यादि के लिए जगह कम पड़ जाती है. यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट के माध्यम से सामने आयी है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल ने इस समस्या की खोज की और पड़ताल करने पर उसने पाया कि भारत में करोड़ों लोग पहली बार इंटरनेट का उपयोग करना सीख रहे हैं और अपने शुरुआती संदेशों में वह सबसे ज्यादा ‘गुड मॉर्निंग’ इत्यादि तरह तरह के संदेश भेजते हैं, जिनमें सूरजमुखी के फूल, सूर्योदय, मासूम बच्चे, पक्षियों और सूर्यास्त की तस्वीरें साझा करते हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच सालों में गूगल पर ‘गुड मॉर्निंग’ से जुड़ी तस्वीरें खोजने की संख्या में 10 गुना वृद्धि हुई है. इस समस्या से निजात पाने के लिए फेसबुक और व्हाट्सएप ने भी पिछले साल ‘स्टेटस’ की सुविधा शुरू की थी, ताकि लोग अपने सभी संपर्कों को एक ही बार में ‘गुड मॉर्निंग’ बोल सकें. यह संदेश 24 घंटे बाद अपने आप मिट भी जाता है.

गौरतलब है कि यह दोनों एप इस तरह के संदेशों के लिए सबसे ज्यादा उपयोग की जाती हैं और भारत में इनके 20 करोड़ मासिक सक्रिय उपभोक्ता है.

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