भक्त और भगवान के बीच कनेक्शन जोड़ने वाला ‘गुरु की गोलक’
नयी दिल्ली: नवंबर, 2016 के बाद नकदी का प्रसार कम करने का असर अब भगवान और भक्त के रिश्ते में भी दिखने लगा है. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा में भगवान के चरणों में चढ़ावा चढ़ाने की परंपरा रही है, लेकिन अब मोबाइल पर संदेश आयेगा और चढ़ावे की रकम आपके खाते से कट जायेगी. आप चाहें, […]
नयी दिल्ली: नवंबर, 2016 के बाद नकदी का प्रसार कम करने का असर अब भगवान और भक्त के रिश्ते में भी दिखने लगा है. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा में भगवान के चरणों में चढ़ावा चढ़ाने की परंपरा रही है, लेकिन अब मोबाइल पर संदेश आयेगा और चढ़ावे की रकम आपके खाते से कट जायेगी. आप चाहें, तो अपने बैंक खाते से धन सीधे ‘गुरु की गोलक’ में डाल सकते हैं. लोग इस माध्यम से शिक्षा, लंगर, कारसेवा आदि के लिए भी दान दे सकते हैं.
गुरुद्वारा बंगला साहिब में ‘गुरु की गोलक’ अर्थात् दानपात्र को डिजिटल कर दिया गया है और अब गुरु का कोई भी भक्त इस डिजिटल गोलक में दान की रकम जमा कर सकता है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने हाल ही में गुरुद्वारा बंगला साहिब में लक्ष्मी विलास बैंक के सहयोग से डिजिटल दानकेंद्र की शुरुआत की.
इस सेवा को कमेटी ने डिजिटल गोलक का नाम दिया है. एटीएमनुमा बने इस केंद्र में कोई भी व्यक्ति कम से कम 100 रुपये से लेकर अधिक से अधिक अपनी श्रद्धा के अनुसार रकम का भुगतान कमेटी के खाते में डिजिटल तरीके से दान कर सकेगा. दान देने वाले को अपनी मर्जी से दान देने की सुविधा भी उपलब्ध करवायी गयी है.
लिंक का इस्तेमाल कर 4 घंटे के अंदर सुरक्षित भुगतान
यदि दानकर्ता डिजिटल गोलक तकनीक से अपने बैंक खाते को जोड़ने में हिचक महसूस करता है, तो दानकर्ता को सिर्फ डिजिटल गोलक मशीन द्वारा अपना मोबाइल नंबर डालने पर अपने मोबाइल पर डिजिटल गोलक का लिंक एसएमएस द्वारा आ जायेगा. इस लिंक का इस्तेमाल करके दानकर्ता अपनी सुविधानुसार अपने सुरक्षित सिस्टम से 4 घंटे के अंदर भुगतान कर सकता है.
दानदाता को 80जी का सर्टिफिकेट ई-मेल पर
कमेटी के खाते में रकम आने के बाद दानकर्ता की ई-मेल पर धारा 80जी के तहत आमदनी कर से छूट का प्रमाण पत्र एवं मोबाइल पर धन प्राप्ति का संदेश भी पहुंच जायेगा. कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने डिजिटल गोलक को डिजिटल इंडिया तथा तकनीक के साथ चलने की कमेटी की कोशिश के रूप में परिभाषित किया.