मुंबई : कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के मद्देजनर देश का चालू खाता घाटा और मुद्रास्फीति बढ़ने की चिंताओं के बीच गुरुवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 49 पैसे लुढ़ककर अब तक के निम्नतम स्तर 69.10 रुपये पर आ गया. आयातकों विशेषकर तेल रिफाइनरों एवं बैंकों से अमेरिकी मुद्रा की लगातार मांग से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रही, जिससे रुपये पर दबाव देखा गया. मुद्रा डीलरों की मानें, तो कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और रुपये में गिरावट से भारत दोहरी मार झेल रहा है.
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अंतर बैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया गुरुवार को डॉलर के मुकाबले 68.87 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और शुरुआती कारोबार में 49 पैसे गिरकर 69.10 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. रुपया बुधवार के कारोबारी दिन में डॉलर के मुकाबले गिरकर 68.61 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
अमेरिका ने बुधवार को भारत-चीन सहित सभी सहयोगी देशों से ईरान से कच्चे तेल का आयात चार नवंबर तक बंद करने को कहा था, जिसके बाद वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया. इसके अलावा, लीबिया और कनाडा में आपूर्ति संबंधी दिक्कतों से भी कीमतों पर दबाव रहा.