नयी दिल्ली : विद्युत सचिव अजय कुमार भल्ला ने गुरुवार को कहा कि चुनिंदा शहरों और राजमार्गों में हर तीन किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित करने के प्रयास किये जायेंगे. इसका मकसद बिजली से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देना और उन्हें लोकप्रिय बनाना है. शुक्रवार से शुरू होने वाले पहले वैश्विक मोबिलिटी शिखर सम्मेलन ‘मूव’ कार्यक्रम के पहले आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भल्ला ने कहा कि बुनियादी ढांचे के बतौर चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित करने के बाद ही बिजली के वाहन लोकप्रिय होंगे.
इसे भी पढ़ें : ‘बिना परमिट के दौड़ सकेंगे इलेक्ट्रिक और वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहन’
बिजली सचिव ने कहा कि चार्जिंग ढांचागत सुविधा स्थापित करने के लिए हम कुछ चुनिंदा शहरों और कुछ चुनिंदा राजमार्गों को देख रहे हैं, जहां हमें चार्जिंग बुनियादी ढांचा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक तीन किलोमीटर में चार्जिंग स्टेशन प्रस्तावित किया गया है. हमारे पास सार्वजनिक चार्जिंग सिस्टम के लिए एक चार्जर होना चाहिए, जो तेजी से वाहनों को चार्ज करेंगे.
पहले भल्ला ने कहा था कि चार्जिंग बुनियादी ढांचे को सरकार द्वारा समर्थित किये जाने का प्रस्ताव है. उन्होंने कहा कि चार्जिंग केंद्र लगाने के लिए बिजली अधिनियम के तहत लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है और इसे बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ बिजली वाहनों का खरीदा है, जिसका उपयोग इसके अधिकारी कर रहे हैं.
उसी संवाददाता सम्मेलन में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव युद्धवीर सिंह मलिक ने कहा कि हमने सभी नये राष्ट्रीय राजमार्गों में इसे अनिवार्य बना दिया है कि सड़क किनारे मिलने वाली सुविधाओं के लिए जो हम पांच से 10 एकड़ भूमि अधिग्रहण कर रहे हैं, वहां चार्जिग के लिए बुनियादी ढांचे का प्रावधान हो.
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा कि भारत में साइबर सुरक्षा एवं बुद्धिमत्तापूर्ण परिवहन प्रणाली, विद्युतीय रूप चलने वाले वाहनों के महत्वपूर्ण घटक होंगे.