सावधान! आपके स्मार्ट फोन पर है किसी और की नजर

जमशेदपुर : टेल्को स्थित हिलटॉप स्कूल में स्कूली बच्चों के बीच साइबर सेफ्टी पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें शहर के 6 स्कूलों के सीनियर सेक्शन के कुल 170 बच्चों के साथ कुल 150 अभिभावकों ने भी हिस्सा लिया. कार्यशाला में साइबर सेफ्टी के बारे में बताया गया. बच्चे व अभिभावक यह जानकर चकित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2018 2:01 PM
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जमशेदपुर : टेल्को स्थित हिलटॉप स्कूल में स्कूली बच्चों के बीच साइबर सेफ्टी पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें शहर के 6 स्कूलों के सीनियर सेक्शन के कुल 170 बच्चों के साथ कुल 150 अभिभावकों ने भी हिस्सा लिया. कार्यशाला में साइबर सेफ्टी के बारे में बताया गया. बच्चे व अभिभावक यह जानकर चकित रह गये कि किस प्रकार उनके मोबाइल पर 7 समुद्र पार बैठा कोई शख्स नजर रखा हुआ है, इससे संबंधित विस्तृत जानकारी दी गयी. रिसोर्स पर्सन के रूप में साइबर लॉ एक्सपर्ट विनीत कुमार व नीतीश चंदन जहां साइबर लॉ की बारीकी से जुड़ी जानकारी दी वहीं जमशेदपुर के एसएसपी अनूप बिरथरे ने बच्चों को अनजाने में होने वाले साइबर अपराधों के बारे में आगाह किया. प्रिंसिपल पुनिता बी चौहान समेत कई अन्य उपस्थित थे.

अभिभावकों ने जाना साइबर पैरेंटिंग के गुर : कार्यशाला के दौरान बच्चों के अभिभावकों के लिए अलग सत्र का आयोजन किया गया था. जिसमें अभिभावकों से बच्चे की आदतों से संबंधित जानकारी इकट्ठी की गयी. जिसमें अभिभावकों ने कहा कि बच्चे अधिकांश टाइम फोन में घुसे रहते हैं. इस समस्या का समाधान किस प्रकार से हो सकता है, इससे संबंधित सवाल पर एक्सपर्ट ने कहा कि अभिभावकों को स्मार्ट तरीके से बच्चों की मॉनिटरिंग करनी होगी. उन्हें किसी एक्टिविटी में जोड़ने की जरूरत है. उससे तत्काल अलग करना सॉल्यूशन नहीं हो सकता है.

ह्वाट्सएप का फोटो कभी नहीं मिटता
बच्चों को संबोधित करते हुए नीतीश चंदन ने कहा कि कई बार जानकारी के अभाव में लोग अपनी बेहद निजी तसवीर को भी ह्वाट्सएप के जरिये एक-दूसरे को भेजते हैं. फोटो भेजने के बाद वे अगर उसे डिलीट भी कर देते हैं इसके बाद भी वह फोटो डिलीट नहीं होता है. क्योंकि ह्वाट्सएप पर कोई फोटो जब भेजा जाता है तो वह एक-दो जगह नहीं बल्कि 5 जगहों पर सेव हो जाता है. वह फोटो क्लाउड में भी सेव हो जाता है. जहां से उसे हटा पाना मुश्किल होता है. अगर कोई हैकर चाहे तो आपकी निजी तसवीर को भी सार्वजनिक कर सकता है. इसके अलावा कई प्रतिबंधित साइट ऐसे हैं जिस साइट के जरिये आपके फोन का कैमरा हैक कर आपकी गतिविधियों पर लाइव नजर रखी जा सकती है.
फेसबुक फ्रेंड बनाने से अच्छा है पुस्तक को दोस्त बनाएं
कार्यशाला के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में एसएसपी अनूप बिरथरे उपस्थित थे. उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल दौर है, लेकिन फिर भी इंटरनेट का इस्तेमाल कम से कम करें. बच्चों को कहा कि ज्यादा से ज्यादा किताबों को अपना दोस्त बनायें. उन्होंने कहा कि फेसबुक पर ज्यादा से ज्यादा दोस्त बनाने से ज्यादा अच्छा है कि वास्तविक जीवन में आपके कुछ अच्छे दोस्त हों. उन्होंने कहा कि कई बार लोग बिना सोचे समझे अपनी फोटो को सोशल साइट पर अपलोड कर देते हैं. जिसका गलत तरीके से लोग इस्तेमाल भी कर लेते हैं. कोई भी चीज सोशल साइट पर बिना सोचे समझे नहीं डालना चाहिए. इसके साथ ही किसी भी मुद्दे पर कमेंट करते वक्त ऐसा बिल्कुल नहीं करें जिसके किसी की भावना आहत हो, अगर ऐसा होता है तो यह साइबर अपराध की श्रेणी में आता है. उन्होंने बच्चों को 18 साल के बाद ही मोबाइल के इस्तेमाल करने का आह्वान किया.
गेम डाउनलोड करने से पहले सौ बार सोचें
हिलटॉप में आयोजित कार्यशाला के दौरान साइबर लॉ एक्सपर्ट विनीत कुमार ने कहा कि आज के बच्चे यूं तो बड़े स्मार्ट हैं, लेकिन फिर भी कई बार जानकारी के अभाव में कई ऐसी गलती कर बैठते हैं जिसके जरिये उनका बड़ा नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर बच्चे कोई भी इंट्रेस्टिंग गेम को बिना सोचे समझे डाउनलोड कर लेते हैं. लेकिन कई ऐसे गेम या साइट हैं जिसके डाउनलोड करने के बाद वे एप या फिर साइट आपसे कुछ सवाल करेंगे इसके बाद जब आप सारे सवालों का जवाब देकर उसे डाउनलोड कर लेंगे तो वह एप या फिर साइट आपके फोन की हर जानकारी को रखेगा. आपका इंट्रेस्ट, आप कौन-कौन सी साइट पर जाते हैं. जिस माइंड सेट के हैं. फोन के नंबर, फोटो गैलरी पर भी उसकी नजर रहेगी. कहा कि कई बार किसी गेम से संबंधित रिक्वेस्ट जब आप किसी अौर को भेजते हैं तो यह भी ट्रोलिंग के दायरे में आता है.
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