सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा लाइक्स और कमेंट्स पाना हर व्यक्ति की अभिलाषा हो चुकी है. इसके लिए वे हर जतन करने को तैयार हैं. क्योंकि सोशल मीडिया ऐसा प्लेटफार्म बन चुका है जहां लोग अपनी हर चीज का प्रमोशन करने में जुटे हैं. चाहे अपनी व्यस्तताएं दिखानी हों या फिर सामाजिक राजनैतिक अभियान का प्रसार करना हो. इसे ध्यान में रखते हुए आजकल आउटडोर शूट का ट्रेंड बढ़ गया है. बिहार के ऐतिहासिक तीर्थ स्थलों और पर्यटन स्थलों की भरमार ने इसमें मदद की है. एक्सपर्ट के मुताबिक कई लोग प्रमोशन के नाम पर सिर्फ अपना बखान करते रहते हैं. यह एक बहुत बड़ी गलती है, जो लोगों को आपसे दूर कर सकती है.
सही तरीका यह है कि आप जिस क्षेत्र से जुड़े हैं, उसके बारे में अर्थपूर्ण कंटेंट, तस्वीरें और वीडियो शेयर करें ताकि लोगों को उससे जुड़े नए पहलुओं के बारे में पता लगे. तभी आप खुद को उस क्षेत्र का एक्सपर्ट साबित कर पाएंगे और लोग आपसे लगातार जुड़ने में रुचि दिखाएंगे. इसके लिए फोटोशूट और वीडियोशूट प्रभावी माध्यम बन रहे हैं. यह ब्रांडिंग भी कर रहे हैं.
युवाओं के ग्रुप को मिला नया रोजगार, कर रहे अच्छी कमाई
इस चाहत के कारण युवाओं के उस समूह को नया रोजगार मिला है. खासकर वे जो कैमरे से अपना हुनर दिखाते हैं. पटना के कई फोटोशूट करनेवाली कंपनियों ने तो इसके लिए पैकेज भी तैयार कर रखा है. छज्जू बाग के सुमित बताते हैं कि वे यह सलाह देते हैं कि सोशल साइट्स पर किसी सामाजिक अभियान, इवेंट, सर्विस या प्रोडक्ट का प्रचार करने के लिए सबसे पहले टार्गेट ऑडियंस का निर्धारण किया जाता है. यह उम्र, जेंडर, प्रोफेशन या लोकेशन के आधार पर हो सकता है या मास ऑडियंस के लिए भी हो सकता है. इसके बाद यह तय किया जाता है कि जिस ग्रुप को आप टार्गेट कर रहे हैं, वह सबसे ज्यादा किन सोशल साइट्स पर मौजूद है? जहां कुछ साइट्स मास ऑडिएंस तक पहुंचने के लिए मुफीद हैं, वहीं कुछ अन्य सोशल साइट्स विशेष श्रेणी के लोगों तक पहुंचने के लिए उपयुक्त हैं. आप चाहें तो इन दोनों ही श्रेणियों की साइट्स की मदद से कंबाइंड मार्केटिंग कैंपेन भी चला सकते हैं.
फोटोग्राफी में अब काफी इनोवेशन आ गये हैं व विविधता बढ़ गयी है
सोशल मीडिया एक्सपर्ट बिनित कुमार बताते हैं कि अब आउटडोर फोटोशूट और वीडियोशूट का दौर है. इसमें भी थीम फोटोशूट की डिमांड ज्यादा है. वे कहते हैं कि फोटोग्राफी में अब काफी इनोवेशन आ गये हैं. इसमें अपने किसी खास के साथ फोकस किया जाता है. बिहार में ऐतिहासिक जगहों ने भी क्रेज बढ़ाने में मदद की है.
कंटेंट एक्सपर्ट सुस्मित बताते हैं कि उनके पास आउटडोर शूट को लेकर काफी क्वेरीज आती है. इसमें सभी दिलचस्पी ले रहे हैं. अब यूथ सभी विशेष मौके पर आउटडोर में स्पेशल फोटोशूट कराते हैं. जो बेहद डिफरेंट होता है. इस तहर के फोटोशूट में विविधता बढ़ गयी है. फोर जी स्पीड और स्मार्टफोन में बेहतर कैमरा क्वालिटी के कारण भी इसका दायरा काफी बढ़ गया है.
ऐसे बनती है लाइक्स व कमेंट्स की रणनीति
हर पोस्ट होता है अहम: टार्गेट ऑडियंस दो तरह के होते हैं सीरियस और कैजुअल. यह आकलन किया जाता है कि इन दोनों श्रेणियों के टार्गेट ऑडियंस दिन में किस वक्त और किन साइट्स पर ऑनलाइन रहते हैं. किस तरह का कंटेंट पसंद करते हैं. इसके बाद इन दोनों ही श्रेणियों के ऑडियंस के लिए दिन के अलग-अलग वक्त पर अलग-अलग तरह के पोस्ट किया जाता है. सोशल साइट्स पर प्रमोशन से संबंधित पोस्ट हमेशा एक नियत समय पर किया जाता है. एक बार जो फ्रीक्वेंसी तय कर उस पर काम होता है. यह चाहे दिन में तीन बार हो या हफ्ते में एक बार. कोई जरूरी नहीं है कि आप बहुत ज्यादा पोस्ट करें, पर जितने पोस्ट करें, वे प्रभावी होने चाहिए. एडवांस में पोस्ट की शेड्यूलिंग किया जाता है. यह पहले से तय होता है कि आप कब क्या पोस्ट करेंगे.
पेड प्रमोशन भी होता है : पेड प्रमोशन की जरूरत हर किसी को नहीं होती. अगर किसी का बिजनेस या अभियान शुरुआती दौर में है तो बेहतर होता है कि उसे अपने कॉन्टैक्ट्स के जरिए प्रमोट किया जाये. अगर आपका फ्रेंड सर्कल बहुत विस्तृत है तो आपको पेड प्रमोशन की जरूरत नहीं पड़ेगी. अगर ऐसा नहीं है तो इसे बढ़ाने की कोशिश करें. पेड प्रमोशन का विकल्प तभी चुनें जब आपको हर हाल में जल्दी से जल्दी किसी इवेंट/प्रोडक्ट/सर्विस को प्रमोट करना हो. पेड प्रमोशन कैंपेन की गहन मॉनिटरिंग करना बेहद जरूरी है.