मुंबई : छोटी-बड़ी सभी कंपनियों में ‘क्लाउड कंप्यूटिंग’ आज वक्त की जरूरत बनती जा रही है. दुनियाभर में इस क्षेत्र में लाखों पेशेवरों की जरूरत है. ग्रेट लर्निंग की रपट के अनुसार, वर्ष 2022 तक इस क्षेत्र में देश के भीतर ही 10 लाख से अधिक रोजगार सृजन होंगे.
ग्रेट लर्निंग ने अपनी रपट में कहा कि वर्तमान में क्लाउड प्रौद्योगिकी ढांचे पर कंपनियां अपने पारंपरिक प्रौद्योगिकी व्यय से साढ़े चार गुना अधिक निवेश कर रही हैं. वर्ष 2020 तक इसके और तेज होने की उम्मीद है. ग्रेट लर्निंग कामकाजी लोगों को प्रौद्योगिकी शिक्षा देने वाला एक मंच है.
इस रपट को वरिष्ठ क्लाउड विशेषज्ञों, रोजगार देने वाले प्रबंधकों के साथ संवाद और उच्च गुणवत्ता की औद्योगिक शोध रपटों के आकलन से तैयार किया गया है.
रपट के मुताबिक, आने वाले साल में सूचना प्रौद्योगिकी पर किया जाने वाला व्यय लगभग निजी, सार्वजनिक या हाइब्रिड क्लाउड के विकास पर व्यय होगा. यह सूचना प्रौद्योगिकी के सभी कामकाज को क्लाउड कंप्यूटिंग के कामकाज में बदल देगा.
देश में क्लाउड कंप्यूटिंग का बाजार अभी 2.2 अरब डॉलर है. वर्ष 2020 तक इसके सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़कर चार अरब डॉलर होने की उम्मीद है. क्लाउड सेवा के सुरक्षित और लागत प्रभावी होने की वजह से कंपनियों के बीच इसे अपनाने के रुझान में बदलाव आया है.
इसलिए अब वह पारंपरिक डाटा केंद्रों के स्थान पर ‘क्लाउड कंप्यूटिंग’ को वरीयता दे रही हैं और इससे इसका बाजार तेजी से बढ़ रहा है. देश में अब बड़ी कंपनियां भी ‘क्लाउड’ को अपना रही हैं, क्योंकि यह उन्हें कामकाज में लचीलापन, व्यापकता और गति देता है.
रपट के अनुसार, अधिकतर कंपनियों में नौकरी पाने के लिए किये जाने वाले सर्च में अधिकतर ऐसे पद रिक्त हैं, जहां क्लाउड कंप्यूटिंग में विशेषज्ञता चाहिए. इसलिए वर्ष 2022 तक देश में क्लाउड कंप्यूटिंग तकनीक के क्षेत्र में 10 लाख नयी नौकरियां सृजित होने का अनुमान है.