Computer की स्पीड बढ़ायेंगे Virus
सिंगापुर : वायरस का नाम आते ही कम्प्यूटर यूजर घबरा जाते हैं. सिस्टम में गड़बड़ी की आशंका से भर जाते हैं. लेकिन, अब वायरस का नाम सुनकर घबराने की जरूरत नहीं है. वायरस आपके सिस्टम की स्पीड (Speed) बढ़ाने वाले हैं. जी हां, वैज्ञानिकों ने कंप्यूटरों में बेहतर तरीके की मेमोरी को डिजाइन करने एवं […]
सिंगापुर : वायरस का नाम आते ही कम्प्यूटर यूजर घबरा जाते हैं. सिस्टम में गड़बड़ी की आशंका से भर जाते हैं. लेकिन, अब वायरस का नाम सुनकर घबराने की जरूरत नहीं है. वायरस आपके सिस्टम की स्पीड (Speed) बढ़ाने वाले हैं. जी हां, वैज्ञानिकों ने कंप्यूटरों में बेहतर तरीके की मेमोरी को डिजाइन करने एवं व्यावहारिक बनाने के लिए एक वायरस (Virus) का सफलातपूर्वक इस्तेमाल किया है. यह वायरस कंप्यूटर (Computer) की गति एवं कार्य दक्षता को बढ़ा सकता है.
एक शोध में पाया गया है कि तेज गति से चलने वाले कंप्यूटरों को विकसित करने का एक मुख्य तरीका है वायरस एम13 जीवाणुभोजी का इस्तेमाल कर मिली सेकेंड समय की देरी को घटाना. यह विषाणु ई कोलाई जीवाणु को संक्रमित करता है.
समय में होने वाली यह देरी अक्सर पारंपरिक रेंडम एक्सेस मेमोरी (रैम) चिप एवं हार्ड ड्राइव के बीच सूचनाओं के स्थानांतरण एवं उसके संग्रहण से होती है. सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन (एसयूटीडी) के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि रैम चिप तेज तो होती है, लेकिन यह महंगी एवं अस्थिर होती है. यानी सूचनाओं को बरकरार रखने के लिए इसे ऊर्जा की आपूर्ति चाहिए होती है.
वहीं, फेज चेंज मेमोरी रैम चिप की ही तरह तेज हो सकती है और यहां तक कि इसकी संग्रहण क्षमता हार्ड ड्राइव से ज्यादा होती है. नयी मेमोरी तकनीक में ऐसी वस्तु का इस्तेमाल किया गया, जो क्रिस्टलीय एवं अक्रिस्टलीय स्थितियों के बीच खुद को बदल सकता है.
पहली बार अनुसंधान में पाया गया कि एम13 जीवाणुभोजी का इस्तेमाल कर कम तापमान पर जर्मेनियम-टिन ऑक्साइड तारें बनायी जा सकती हैं और मेमोरी प्राप्त की जा सकती हैं. यह शोध अप्लाइड नैनो मैटेरियल्स में प्रकाशित हुआ है.