आप भी रोक सकते हैं अपने फेसबुक दोस्त को जान देने से, जानें कैसे
सोमवार को बिहार के भागलपुर के एक युवक ने फेसबुक लाइव करते हुए खुदकुशी कर ली. आप उस ऑनलाइन वीडियो को देखेंगे तो शॉक्ड रह जायेंगे. महज दो ढाई साल पहले शुरू हुए फेसबुक के लाइव स्ट्रीमिंग पर सुसाइड की त्रासद घटनाएं सामने आ रही हैं. दुखद यह है कि दोस्ती के इस मंच पर […]
सोमवार को बिहार के भागलपुर के एक युवक ने फेसबुक लाइव करते हुए खुदकुशी कर ली. आप उस ऑनलाइन वीडियो को देखेंगे तो शॉक्ड रह जायेंगे. महज दो ढाई साल पहले शुरू हुए फेसबुक के लाइव स्ट्रीमिंग पर सुसाइड की त्रासद घटनाएं सामने आ रही हैं. दुखद यह है कि दोस्ती के इस मंच पर हम अपने ही ऐसे दोस्तों को पहचान नहीं पाते, उन्हें ऐसा करने से रोक नहीं पाते. यहां तक कि फेसबुक का आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस भी इस मामले में कमजोर साबित हो रहा है. इसके बावजूद मनोवैज्ञानिक और जानकार मानते हैं कि अगर फेसबुक दोस्ती का मंच है तो दोस्ती की डोर क्यों नहीं किसी को ऐसे कदम उठाने से रोकती है?
10.5 पुरुष बिहार में खुदकुशी करते हैं हर एक लाख में
महिलाओं की दर कम
आपकी मदद से ही बचेगी जान
वैसे तो फेसबुक पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कई काम हो रहे हैं, फेसबुक की टीम भी सुसाइड करने वालों को रोकने की बात करती है. मगर सच यही है कि ऐसे लाइव वीडियो पर एक्टिव होना फिलहाल फेसबुक के बस की बात नहीं. फ्रेंडलिस्ट के लोगों के एक्टिव होने से ही ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं. क्या कर सकते हैं-
सबसे पहले लाइव वीडियो को फ्लैग करें, जिससे फेसबुक टीम के पास सूचना चली जायेगी कि सबंधित यूजर कुछ गलत कर रहा है और फिर वे उसकी जानकारी निकाल कर उसे रोकने की कोशिश करेंगे.
लाइव वीडियो पर कमेंट करके या किसी और तरीके से ऐसे व्यक्ति से बातचीत करें, उसे बातों में फंसायें. उसके किसी प्रिय व्यक्ति की याद दिलायें. मुमकिन है ऐसे में वह रुक जाये.
जल्द से जल्द संबंधित पुलिस थाने को सूचित करें.
क्यों फेसबुक पर लाइव सुसाइड करते हैं
2016 से फेसबुक पर लाइव करने की सुविधा शुरू हुई थी, दुखद बात है कि उसी साल से लोग लाइव स्ट्रीमिंग के जरिये सुसाइड कर रहे हैं. अमेरिका के 22 साल के एक युवक ने यह कहते हुए लाइव किया था कि जब मैं कह रहा था, मैं खुद को मार डालूंगा तो किसी ने विश्वास नहीं किया. अब यह देख लो.
सुसाइड को लाइव करने का सबसे बड़ा मकसद यही होता है कि खुदकुशी करने वाला अपने आप को सही साबित करना चाहता है और वह दुनिया को बताना चाहता है कि वह ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर था.
लाइव करने का एक और मकसद उस व्यक्ति को यह सब दिखाना और चोट पहुंचाना होता है, जिसकी वजह से वह सुसाइड करने को मजबूर हो रहा है.
लोग लाइव वीडियो देखते तो हैं मगर पुलिस को रिपोर्ट नहीं करते
फेसबुक पर लाइव करके सुसाइड करने के अपने देश में भी कई मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि संभवतः यह बिहार का दूसरा मामला है, इस मामले में खुदकुशी करने वाले युवक के दोस्त दौड़ कर उसे बचाने भी पहुंचे थे, मगर बचा नहीं पाये. ऐसे मामलों में देखा गया है कि लोग वीडियो तो देखते हैं, मगर सामने वाले को बचाने की कोशिश नहीं करते, न ही पुलिस को रिपोर्ट करते हैं. आगरा में पिछले साल जुलाई में इसी तरह के एक वीडियो को 2750 लोगों ने देखा, मगर किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की. यहां तक कि ऐसे वीडियो को रिपोर्ट करने की कोई अच्छी व्यवस्था फेसबुक पर भी नहीं है.