55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी सोलर कार, जानें कार की खूबियां
पटना : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना के छात्रों की मेहनत इलेक्ट्रिक सोलर व्हीकल चैंपियनशिप में दिखेगी. इस आयोजन में एनआइटी पटना के छात्रों द्वारा बनायी गयी सोलर कार पचपन किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. दरअसल संस्थान के तीन ब्रांच के 31 छात्रों ने चंडीगढ़ में आयोजित होने वाली इलेक्ट्रिक सोलर व्हीकल चैंपियनशिप […]
पटना : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना के छात्रों की मेहनत इलेक्ट्रिक सोलर व्हीकल चैंपियनशिप में दिखेगी. इस आयोजन में एनआइटी पटना के छात्रों द्वारा बनायी गयी सोलर कार पचपन किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. दरअसल संस्थान के तीन ब्रांच के 31 छात्रों ने चंडीगढ़ में आयोजित होने वाली इलेक्ट्रिक सोलर व्हीकल चैंपियनशिप के लिए सोलर इलेक्ट्रिक कार को बनाया है.
इस कंपीटिशन का आयोजन 25 से 31 मार्च तक किया जायेगा. इसमें कई राउंड का आयोजन किया जायेगा. जिसमें हिस्सा लेने वाली कारों की खासियत को बारी-बारी से गुणवत्ता व अन्य कई पैमानों पर तौला जायेगा. इसमें देश भर के टॉप तकनीकी संस्थानों के छात्र अपने-अपने कार के साथ हिस्सा लेंगे.
दो माह में तैयार किया कार : इस कार को बनाने वाले ग्रुप रोलिंग थंडर्स के कैप्टन व संस्थान के छात्र ज्ञानेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि कार को असेंबल करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसे जल्द ही तैयार कर लिया जायेगा. कार को बनाने की शुरुआत गत दिसंबर माह में की गयी थी. कार को संस्थान के वर्कशॉप में बनाया गया है.
कार में हैं खूबियां
ज्ञानेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि कार की डिजाइन व इनोवेशन यूनिक है जो इसे दूसरे कारों से अलग बनाता है. इसकी खासियत सोलर प्लेट को ठंडा करने के लिए ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर काे लगाया जाना है. यह कार सोलर पावर की मदद से आठ घंटे में पूरी तरह से चार्ज हो सकती है और एक बार पूरी तरह से चार्ज होने पर 150 किलो वजन के साथ सौ से 120 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकती है. उन्होंने बताया कि कंपिटीशन के लिए इसे सिंगल सीटर रेसिंग कार का रूप दिया गया है. इस कार को बनाने वालों में मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के छात्र शामिल हैं. ज्ञानेंद्र ने यह भी बताया कि इस कार को बनाने वाले सभी छात्र आइएसआइइ एनआइटी पटना एसआरए के मेंबर हैं. जिसे 2017 में बनाया गया था. कार को बनाने वाले ग्रुप के मेंटर मेकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर शांतनु श्रीवास्तव थे.