थ्री और फोर व्हीलर ई-व्हिकल में फेम इंडिया स्कीम का लेना है लाभ, तो दिखाना होगा मोटर परमिट

नयी दिल्ली : तिपहिया और चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिक सावधान हो जाएं. यदि उन्हें सरकार की फेम इंडिया योजना का लाभ लेना है, तो उन्हें सरकारी एजेंसी से जारी किया गया ट्रांसपोर्ट मोटर परमिट दिखाना होगा. सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में यह कहा गया है कि फेम इंडिया योजना का लाभ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2019 7:18 PM

नयी दिल्ली : तिपहिया और चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिक सावधान हो जाएं. यदि उन्हें सरकार की फेम इंडिया योजना का लाभ लेना है, तो उन्हें सरकारी एजेंसी से जारी किया गया ट्रांसपोर्ट मोटर परमिट दिखाना होगा. सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में यह कहा गया है कि फेम इंडिया योजना का लाभ उठाने के लिए तिपहिया और चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को एक अप्रैल से सरकारी एजेंसी से लिया गया सार्वजनिक परिवहन वाहन परमिट दिखाना जरूरी होगा. फेम इंडिया योजना 10,000 करोड़ रुपये की है.

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एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, ऐसे वाहन मालिकों को सरकारी एजेंसी से प्राप्त परमिट दिखाना होगा, जिसमें यह कहा गया होगा कि वाहन का इस्तेमाल केवल सार्वजनिक परिवहन के लिए ही किया जायेगा. इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से प्रसार और विनिर्माण (फेम-इंडिया) योजना का दूसरा चरण एक अप्रैल, 2019 से तीन साल की अवधि के लिए क्रियान्वित किया जा रहा है.

इस योजना के तहत एक्स-फैक्टरी यानी कारखाने से निकलते समय पांच लाख रुपये तक मूल्य के पांच लाख ई-रिक्शा को 50,000-50,000 रुपये का प्रोत्साहन दिया जायेगा. इसी तरह कारखाना गेट पर 15 लाख रुपये मूल्य वाले 35,000 बिजली चालित चार पहिया वाहनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये के प्रोत्साहन की पेशकश की गयी है. फेम-दो के तहत डेढ़ लाख रुपये तक के दोपहिया पर 20,000 रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा.

भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा अधिसूचित फेम-दो योजना के तहत मांग प्रोत्साहन की आपूर्ति के लिए डीलरों को स्पष्ट दिशा-निर्देशों दिये गये हैं. इसके अनुसार, डीलर को यह सुनिश्चित करना होगा कि तिपहिया अथवा चार पहिया वाहन का निजी इस्तेमाल के लिए उपयोग करने वालों को यह प्रोत्साहन नहीं दिया जाना चाहिए. हालांकि, डीलर निजी व्यक्तियों को बिजली चालित दोपहिया की बिक्री पर प्रोत्साहन का दावा कर सकता है.

भारी उद्योग मंत्रालय ने कहा कि ई-3 डब्ल्यू, ई-4डब्ल्यू और ई-बस खंड में यह प्रोत्साहन सिर्फ उन वाहनों को मिलेगा, जिनका इस्तेमाल सार्वजनिक परिवहन के लिए किया जाता है या जो वाणिज्यिक उद्देश्य से पंजीकृत हैं. वहीं, ई-2डब्ल्यू खंड में निजी स्वामित्व वाले वाहनों के अलावा सार्वजनिक परिवहन या वाणिज्यिक उद्देश्य के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले वाहनों पर भी प्रोत्साहन मिलेगा.

दिशा-निर्देशों के अनुसार, डीलर को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी एक श्रेणी में एक व्यक्ति को एक बार ही प्रोत्साहन दिया जाये. कोई भी व्यक्ति एक ही श्रेणी में से एक से अधिक वाहन पर प्रोत्साहन का दावा नहीं कर सकता है. हालांकि, व्यक्तिगत श्रेणी के अलावा अन्य श्रेणियों में वाहनों की संख्या को लेकर कोई अंकुश नहीं है.

इससे पहले फेम-एक के तहत व्यक्तिगत इस्तेमाल वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को सरकारी समर्थन प्राप्त करने की अनुमति थी. इसमें परंपरागत प्रौद्योगिकी (लेड एसिड बैटरी) और आधुनिक प्रौद्योगिकी बैटरियों को सब्सिडी मिलती थी. सब्सिडी की मात्रा भिन्न-भिन्न होती थी. फेम दो के तहत सब्सिडी सिर्फ आधुनिक बैटरी प्रौद्योगिकी पर ही मिलेगी.

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