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Maruti Suzuki XL6 लॉन्च, मारुति ने 9.79 लाख रुपये में पेश की नयी MPV

नयी दिल्ली : मारुति सुजुकी इंडिया ने अपने नये बहुउद्देश्यीय वाहन (एमपीवी) एक्सएल 6 को बुधवार को पेश किया. शोरूम में इसकी कीमत 9.79 लाख से 11.46 लाख रुपये के बीच है. यह छह सीटर गाड़ी है. मारुति एक्सएल 6 में 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ स्मार्ट हाइब्रिड प्रणाली दी गई है. एक्सएल 6 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2019 5:47 PM

नयी दिल्ली : मारुति सुजुकी इंडिया ने अपने नये बहुउद्देश्यीय वाहन (एमपीवी) एक्सएल 6 को बुधवार को पेश किया. शोरूम में इसकी कीमत 9.79 लाख से 11.46 लाख रुपये के बीच है. यह छह सीटर गाड़ी है.

मारुति एक्सएल 6 में 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ स्मार्ट हाइब्रिड प्रणाली दी गई है. एक्सएल 6 के मैनुअल संस्करण (जेटा) की कीमत 9.79 लाख रुपये और (अल्फा) की 10.36 लाख रुपये है, जबकि आॅटोमैटिक संस्करण के दाम क्रमश: 10.89 लाख और 11.46 लाख रुपये रखी गई है.

मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी केनिची आयुकावा ने संवाददाताओं को बताया, मारुति सुजुकी में हम हमेशा ऐसे उत्पाद पेश करने पर ध्यान देते हैं जो ग्राहकों की मांग के अनुरूप हो. एक्सएल6 छह सीटर प्रीमियम एमपीवी है. इसे नेक्सा ग्राहकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है.

आयुकावा ने कहा कि भारतीय वाहन उद्योग नयी प्रौद्योगिकी, नियम और नीतियों के मोर्चे पर बदलाव के दौर से गुजर रहा है. उन्होंने कहा कि सीएनजी, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहन जैसी नयी तकनीकों पर ध्यान देकर कंपनी कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना और अपने ग्राहकों को पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद देना चाहती है.

यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी छोटे डीजल इंजनों को बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करेगी, आयुकावा ने कहा कि छोटे डीजल इंजन को बीएस-6 मानकों के अनुरूप बनाना व्यवहारिक नहीं है.

उन्होंने कहा, बड़े डीजल इंजन को लेकर हमें अध्ययन करना होगा और बाजार के रुख को देखना होगा. यदि ग्राहकों की मांग होगी तो हम विचार करेंगे, लेकिन छोटे डीजल वाहनों को बनाना जारी रखना मुश्किल है. मौजूदा समय में कमजोर मांग के चलते वाहन उद्योग को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

यह पूछे जाने पर कि क्या जीएसटी दर में कटौती से इस समय मदद मिलेगी, आयुकावा ने कहा कि पूर्व में जब वाहन उद्योग कठिनाइयों के दौर से गुजर रहा था, तो कर कटौती ने मांग में तेजी लाने में मदद की थी.

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