”ऑटो सेक्टर को डिमांड बढ़ाने के लिए अब खुद अपने लेवल पर करना होगा प्रयास”
नयी दिल्ली : वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम ने शनिवार को कहा कि जीएसटी परिषद की ओर से वाहनों पर कर में कटौती से इनकार करने के बाद अब मांग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग को अपने स्तर पर ही प्रयास करने होंगे. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) के अध्यक्ष राजन वढेरा ने […]
नयी दिल्ली : वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम ने शनिवार को कहा कि जीएसटी परिषद की ओर से वाहनों पर कर में कटौती से इनकार करने के बाद अब मांग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग को अपने स्तर पर ही प्रयास करने होंगे. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) के अध्यक्ष राजन वढेरा ने बयान में कहा कि वाहन उद्योग जीएसटी में कटौती को लेकर काफी आशान्वित था. हालांकि, वाहनों पर जीएसटी को 28 से घटाकर 18 फीसदी नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा कि उद्योग को मांग बढ़ाने के लिए अपने स्तर पर विकल्प ढूंढने होंगे. जीएसटी परिषद ने शुक्रवार को गोवा में हुई बैठक में वाहनों पर जीएसटी दर में कटौती नहीं की है. वाहन उद्योग बिक्री में तेजी के लिए जीएसटी की मौजूदा 28 फीसदी दर को घटाकर 18 फीसदी करने की मांग कर रहा था. वाहन उद्योग ने कलपुर्जों पर एकसमान 18 फीसदी की दर रखने की मांग की थी. फिलहाल, 60 फीसदी वाहन कलपुर्जों पर 18 फीसदी और बाकी बचे सामानों पर 28 फीसदी की दर से कर लगता है.
वढेरा ने उम्मीद जतायी है कि त्योहारी सीजन सकारात्मक उपभोक्ता रुख को बढ़ाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि 10-13 सीटों वाली श्रेणी से कम श्रेणी में 4 मीटर से कम लंबाई के यात्री वाहनों पर मुआवजा उपकर कम करना एक सकारात्मक कदम है. वढेरा ने कहा कि सियाम ने 10-13 सीटों वाली समूची वाहन श्रेणी पर मुआवजा उपकर हटाने की मांग की थी. हालांकि, उसकी इस मांग पर परिषद ने उपकर में कमी करके मांग को आंशिक तौर पर पूरा किया है.
उन्होंने उम्मीद जतायी है कि वित्त मंत्री के हालिया उपायों से वृद्धि को समर्थन मिलेगा. एक बार बाजार स्थिर हो जाये और राजस्व उचित स्तर पर पहुंच जाये, तो सरकार जीएसटी के स्तर को तर्कसंगत बनाने और वाहनों पर कर घटाने में सक्षम होगी. जीएसटी परिषद ने शुक्रवार को होटल कमरों पर जीएसटी में कटौती और कैफीन युक्त पेय पदार्थों पर उप कर सहित कुल कर बढ़ाकर 40 फीसदी करने समेत कई कदम उठाये हैं.