बाजारों में भारतीय कंपनियों की धाक

नयी दिल्लीः भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए भारतीय ब्रांड को काफी वक्त लगा लेकिन जब उन्होंने अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरु की तो बड़े – बड़े अंतराष्ट्रीय ब्रांड को पीछे छोड़ दिया. स्मार्टफोन का बढ़ता बाजार और लोगों की डिमांड पर पूरी तरह खरा उतरे में सफल रहा है. मोबाइल फोन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2014 11:11 AM

नयी दिल्लीः भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए भारतीय ब्रांड को काफी वक्त लगा लेकिन जब उन्होंने अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरु की तो बड़े – बड़े अंतराष्ट्रीय ब्रांड को पीछे छोड़ दिया. स्मार्टफोन का बढ़ता बाजार और लोगों की डिमांड पर पूरी तरह खरा उतरे में सफल रहा है. मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी माइक्रोमैक्स भारत की सबसे बड़ी कंपनी बन गयी है. माइक्रोमैक्स ने सैमसंग जैसे बड़े ब्रांड को भी पीछे छोड़ दिया है.

माइक्रोमैक्स दुनिया भर में दसवीं सबसे बड़ी कंपनी है. इसकी कीमत और फीचर्स की वजह से कंपनी भारत में अपना स्थान बनाने में सफल रही है. लेकिन भारतीय ब्रांड में अपनी जगह बना कर माइक्रोमैक्स लोगों को प्रभावित करने में सफल रही है लेकिन इस बढ़ते बाजार में माइक्रोमैक्स को कड़ी टक्कर कोरियन कंपनी सैमसंग से मिल रही है. हालांकि माइक्रोमैक्स अभी भी सबसे बड़े स्मार्टफोन बनाने वाले कंपनियों में टॉप पर नहीं पहुंच पाया है लेकिन इस कंपनी ने भारत में सबसे ज्यादा 17 प्रतिशत मोबाइल फोन की बिक्री की है. जो किसी और कंपनी से बहुत ज्यादा है.

अगर भारत के बढ़ते बाजार पर नजर डालें तो संभावना जतायी जा रही है कि नोकिया भी अपने दबदबे को कायम रखने में सफल हो सकता है. स्मार्टफोन के बढ़ते बाजार और घटती कीमत को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सस्ते स्मार्टफोन अपना विश्वास जल्द खो देंगे. भारतीय कंपनी जैसे माइक्रोमैक्स, लावा और कार्बन के साथ चाइना की कंपनी जियोमी, जियोनी जैसी कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी जो कम कीमत में नये फीचर्स देने की सुविधा होगी.

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