महज तीन महीनों में भारत 500,000 से ज्यादा फोन सेट बेचने वाली चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी जियाओमी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. कंपनी ने अपने नॉन चाइनीज यूजरों के मोबाइल डेटा की सूचना चाइना की खूफिया एजेंसी को देने की खबर को पूरी तरह से नकार दिया है. जियाओमी ने अपने बयान में कहा कि कंपनी ने यूजरों से बिना अनुमति लिए ऐसा कोई भी डेटा कलेक्ट नहीं करता है.
चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी ने अपने एक बयान में कहा है कि यह सुरक्षा मुदृदों को लेकर जल्द ही भारतीय ऑथोरिटी से बातचीत करेगी.पिछले सप्ताह एक बयान में भारतीया वायुसेना ने अपने कमिर्यों और उनके परिवारों को जियाओमी के स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से मना किया था. उसके बयान में कहा गया था कि चाइनीज कंपनी यूजरों के डेटा को अपने चाइनीज सर्वर को भेज रही है जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है.
अपने दो स्मार्टफोनों mi 3 और Redmi 1S से भारत में धूम मचाने वाली चीन की तेजी से बढती हुई इस स्मार्टफोन कंपनी पर शुरु से ही यूजरों के डेटा को लीक करने का आरोप लगता आया है. इसके वजह से पहले एक बार कंपनी के द्वारा हुईगलति को स्वीकारा था.
जियाओमी के वाइस प्रेसिडेंट ह्यूगो बारा ने एक इंटरव्यू में बताया कि ‘ हमने इस मामले के तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं, अभी तक हमने ऐसी कोई भी शिकायत भारतीय ऑथेारिटी या आईएएफ के तरफ से नहीं मिली है. सारी बातें हमें मीडिया रिपोर्ट के हवाले से ही सुनने को मिल रही है. हम ऑथोरिटी से मिलकर मीडिया में उठ रहे इस बात पर चर्चा करेंगे.’
इस साल की शुरुआत में सिक्योरिटी सॉल्यूसन प्रोवाइडर एफ-सिक्योर ने अपने रिपोर्ट में बताया था कि किस तरह जियाओमी अपने जियाओमी रेडमी 1एस यूजरों के ईएमईआई नंबर, फोन नंबर और फोनबुक के कांटेक्ट के सारे डेटा को चीन केरिमोट सर्वर भेज रहा है.
हलांकि कंपनी ने ऐसे किसी भी डेटा ट्रांसफर के बारे में साफ इनकार कर रही है. बारा का कहना है कि कंपनी यूजरों के अनुमति के बाद ही डेटा कलेक्अ करती है ताकि यूजरों को क्लाउड की चर्विस मुहैया की जा सके.