Ethical Hacking, Bug In Microsoft Azure Cloud: दिल्ली की रहने वाली 20 वर्षीय अदिति सिंह को माइक्रोसॉफ्ट की ओर से भेंट के तौर पर करीब 22 लाख रुपये दिए गए है. दरअसल, वे एक एथिकल हैकर है. जिन्होंने माइक्रोसॉफ्ट एज्योर क्लाउड (Microsoft’s Azure Cloud) में एक बग (BUG) की पहचान की है. जिसके जरिए कोई भी साइबर हैकर कंपनी के इंटरनल सिस्टम में पहुंचकर इंफॉर्मेशन को होल्ड कर सकते थे.
दरअसल, इंडिया टूडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अदिति सिंह को माइक्रोसॉफ्ट से ही नहीं बल्कि दो महीने पहले फेसबुक की ओर से भी इनाम के तौर पर 5.5 लाख रुपये दिए गए थे. अदिति के अनुसार दोनों ही कंपनियों में एक ही प्रकार के रिमोट कोड एग्जीक्यूशन बग (Remote Code Execution Bug) पाए गए. जो कंपनी के लिए काफी घातक साबित हो सकते थे. यह बग बिल्कुल नए है जो आसानी से पहचान में नहीं आ पाते.
अदिति का मानना है कि किसी भी हैकर को ऐसे बग को पता लगाने के लिए काफी ध्यान से काम करना होगा. उन्होंने बताया कि मेरा उद्देश्य केवल पैसा कमाना नहीं बल्कि इस माध्यम से मुझे भी बहुत कुछ सिखने को मिल रहा है. अदिति बताती हैं कि इस माइक्रोसॉफ्ट ने एक बग को फिक्स भी किया था जिसे दो महीने पहले मैंने भी स्पॉट किया था. लेकिन, RCE BUG की ओर कंपनी का ध्यान नहीं गया.
नए एथिकल हैकर्स को अदिति सलाह देती हैं कि यदि आप भी किसी बग की खोज करते है तो संबंधित कंपनी से पहले कन्फर्म हो लेना चाहिए कि इसके बदले उन्हें इनाम के तौर पर कुछ अमाउंट दिया जाएगा या नहीं. उपहार मिलने से उत्साह बढ़ता है. उन्होंने बताया कि एक एथिकल हैकर को प्रोग्रामिंग के तौर पर पायथन या जावास्क्रिप्ट कंटस्थ होना चाहिए. वे बताती हैं कि इनाम में मिले रुपये को वे हैकिंग टूल खरीदने या इससे संबंधित अन्य जानकारी व कोर्स में भी खर्च करदेती हैं.
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करीब दो साल अदिति एथिकल हैकर के तौर पर कार्य कर रही हैं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले उन्होंने अपने पड़ोसी के WiFi का पासवर्ड किया था. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. उनका एथिकल हैकिंग में इंटरेस्ट बढ़ा. उस समय वे कोटा में मेडिकल एग्जाम नीट की तैयारी कर रही थी. उन्होंने उस पढ़ाई को छोड़ फेसबुक, टिकटोक, माइक्रोसॉफ्ट, मोजिला, पेटीएम, एथेरियम, एचपी सहित 40 से अधिक कंपनियों में बग खोजने का काम शुरू किया. इसके लिए उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से प्रोत्साहन लेटर भी भेजा गया. यही नहीं गूगल हॉल ऑफ फेम में भी उन्हें शामिल किया गया है.
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टिकटॉक से भी उन्हें करीब 80 हजार रुपये इनाम के तौर पर मिल चुका है. वे एक कंपनी के एप्लिकेशन को हैक भी की थी, जिसके बाद बिना उनसे डिग्री या अन्य कोई सार्टिफिकेट मांगे नौकरी पर रखा गया.
Posted By: Sumit Kumar Verma