वर्ल्ड बैंक ने फ्री इंटरनेट के फेसबुक मॉडल को लेकर चिंता जतायी
वाशिंगटन: विश्वबैंक ने भारत में फेसबुक समेत वैश्विक स्तर पर कंपनियों द्वारा सीमित पहुंच के साथ लोगों तक मुफ्त इंटरनेट उपलब्ध कराने के अभियान को लेकर चिंता जतायी है. विश्वबैंक ने कहा है कि नेट निरपेक्षता के तहत उपयोगकर्ताओं तक इंटरनेट की आसान पहुंच सुनिश्चित करना चाहिए और उनके मौलिक अधिकार तथा आजादी को नजरअंदाज […]
वाशिंगटन: विश्वबैंक ने भारत में फेसबुक समेत वैश्विक स्तर पर कंपनियों द्वारा सीमित पहुंच के साथ लोगों तक मुफ्त इंटरनेट उपलब्ध कराने के अभियान को लेकर चिंता जतायी है. विश्वबैंक ने कहा है कि नेट निरपेक्षता के तहत उपयोगकर्ताओं तक इंटरनेट की आसान पहुंच सुनिश्चित करना चाहिए और उनके मौलिक अधिकार तथा आजादी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. विश्वबैंक ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि उपयोगकर्ताओं तक इंटरनेट आधारित सामग्री, एप्लीकेशन और उनकी रुचि की सेवाओं तक यथासंभव पहुंच हो.”
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘लेकिन ट्रैफिक प्रबंधन उपायों से मौलिक अधिकारों तथा आजादी खासकर अभिव्यिक्ति की आजादी में कमी नहीं होनी चाहिए.” बैंक ने 350 पृष्ठ की अपनी रिपोर्ट ‘वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2016: डिजिटल डिविडेंड्स’ में कहा गया है कि इस मामले में सोच समझकर सावधानीपूर्वक संतुलन बनाना चाहिए ताकि नेटवर्क परिचालकों को अपने नेटवर्क की क्षमता को मजबूत बनाने और विस्तार के लिये प्रोत्साहन मिले. विश्वबैंक ने अपनी रिपोर्ट में भारत जैसे विभिन्न विकासशील देशों में नेट निरपेक्षता को लेकर चल रही चर्चा तथा फेसबुक जैसी कंपनियों की पेशकश का जिक्र किया है.
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘हाल में ऐसी सेवा तैयार की गयी जिसमें कुछ मूल सामग्री तक बिना इंटरनेट शुल्क के पुंहचा जा सकता है :जैसा कि फेसबुक की फ्री बेसिक्स या इंटरनेट डॉट ओआरजी: जबकि अन्य के लिये शुल्क देना होगा. यह नेट निरपेक्षता के खिलाफ है और बाजार को बिगाडने वाला है.