फेसबुक में 200 से ज्यादा “रीयल” फ्रेंड नहीं हो सकते : स्टडी

गैजेट डेस्क लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक युवाओं में काफी लोकप्रिय है. आये दिन फेसबुक से कई रिश्ते बनते है. यहां तक की एफबी के माध्यम से शादियां भी हो रही है, लेकिन एक स्टडी से पता चला है कि फेस-टू-फेस फ्रेंड, फेसबुक फ्रेंड से ज्यादा विश्वसनीय होता है. "रॉयल सोसाइटी ओपेन साइंस" नामक जर्नल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2016 4:11 PM

गैजेट डेस्क

लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक युवाओं में काफी लोकप्रिय है. आये दिन फेसबुक से कई रिश्ते बनते है. यहां तक की एफबी के माध्यम से शादियां भी हो रही है, लेकिन एक स्टडी से पता चला है कि फेस-टू-फेस फ्रेंड, फेसबुक फ्रेंड से ज्यादा विश्वसनीय होता है.
"रॉयल सोसाइटी ओपेन साइंस" नामक जर्नल में फेसबुक फ्रेंडशिप पर एक शोध पत्र छपा. इस शोध पत्र में लिखा गया है कि किसी भी इंसान के मित्र की संख्या सीमित हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि हमारा दिमाग एक निश्चित संख्या 100-200 लोगों की मित्रता को ही हैंडल कर सकता है. इसे "सोशल ब्रेन हाइपोथिसिस " के नाम से जाना जाता है.इस ग्रुप साइज के रिश्ते को बनाए रखने के लिए भी पर्याप्त समय की जरूरत होती है.
रॉबिन डनबर , मनोवैज्ञानिक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के द्वारा किये गये रिसर्च से पता चला कि मित्रता को बनाये रखने के लिए समय -समय पर फेस-टू-फेस बातचीत होना जरुरी है.3,000 युवक के बीच किये गये इस रिसर्च के बारे में डनबर ने बताया कि सोशल मीडिया के ज्यादा उपयोग के कई सकारात्मक-नकारात्मक असर होते हैं.
रिसर्च में यह भी पता चला है कि टीनएजर्स अपने मित्रता के दायरे को बढ़ाने के लिए अन्य नेटवर्किंग माध्यम वी चैट, इंस्टाग्राम जैसे माध्यमों से ज्यादा फेसबुक का इस्तेमाल करते है. हालांकि प्रोफेसर रॉबिन डनबर ने कहा कि सोशल मीडिया काफी हद हमारे रिश्ते को बनाये रखने में मदद करता है.
प्रोफेसर डनबर ने कहा कि फेसबुक में अगर किसी के 1000 फ्रेंड्स है तो सिर्फ 15 बेस्ट फ्रेंड्स , 50 अच्छे फ्रेंड्स , 150 फ्रेंड्स और बाकि सिर्फ जान-पहचान की कैटेगरी में रखा जा सकता है.

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