AI के गॉडफादर Geoffrey Hinton ने क्यों छोड़ दिया Google का साथ? वजह आपको हैरान कर देगी

why godfather of ai geoffrey hinton left google? गूगल से इस्तीफा देने के बाद ज्यॉफ्रे हिंटन ने AI की खोज को अपनी सबसे बड़ी भूल बताया. हालांकि वह खुद को दिलासा देते हैं कि अगर वह ऐसा नहीं करते, तो कोई और करता.

By Rajeev Kumar | May 2, 2023 11:49 AM
an image

AI Godfather Geoffrey Hinton: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गॉडफादर कहे जाने वाले ज्यॉफ्रे हिंटन ने दिग्गज टेक कंपनी गूगल से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने एक दशक से भी ज्यादा समय तक गूगल में काम किया और AI से जुड़े क्षेत्र में अपना योगदान दिया. गूगल से इस्तीफा देने के बाद ज्यॉफ्रे हिंटन ने AI की खोज को अपनी सबसे बड़ी भूल बताया. हालांकि वह खुद को दिलासा देते हैं कि अगर वह ऐसा नहीं करते, तो कोई और करता. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में कंपनियां चैट जीपीटी जैसा टूल बनाने में एक दूसरे से प्रतिस्पर्द्धा कर रहीं हैं.

AI को गलत हाथों में जाने से रोकना एक बड़ी चुनौती

ज्यॉफ्रे हिंटन एआई को डेवलप करनेवाले शुरुआती लोगों में से हैं. 2012 में टोरंटो विश्वविद्यालय में हिंटन और उनके दो ग्रेजुएट स्टूडेंट्स ने ऐसी टेक्नोलॉजी तैयार की, जो एआई सिस्टम के लिए इंटेलेक्ट की फाउंडेशन बन गई. इसके लिए टेक इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियों का मानना है कि यह उनके भविष्य की चाबी है. वहीं, ज्यॉफ्रे हिंटन ने कहा कि आज कंपनियां चैट जीपीटी जैसा टूल बनाने के लिए पागल हो रही हैं और इस क्षेत्र में कंपीटिशन को रोकना असंभव है. हैरानी की बात यह है कि ऐसे टूल आने के बाद गलत इन्फाॅर्मेशन का चलन तेजी से बढ़ेगा. इसके साथ ही, ज्यॉफ्रे हिंटन ने कहा कि AI को गलत हाथों में जाने से रोकना भी एक बड़ी चुनौती होगी.

Also Read: Google AI Bard: आपके लिए कोड लिखने से लेकर सॉफ्टवेयर तक तैयार करेगा गूगल का चैटबॉट
AI बनाकर उसके आलोचकों में शामिल हो गए हिंटन

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित कई प्रोडक्ट्स को डेवलप करने में ज्यॉफ्रे हिंटन की अग्रणी भूमिका रही है. उन्‍होंने गूगल के एआई विकसित करने के प्रोजेक्‍ट पर लगभग एक दशक तक काम किया. लेकिन पिछले कुछ समय से उन्हें इस तकनीक और इसे आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका के बारे में चिंता होने लगी है. एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंटन ने गूगल की नौकरी इसलिए छोड़ी, ताकि वे एआई के खतरों के बारे में खुलकर बात कर सकें. हिंटन अब आधिकारिक तौर पर उन आलोचकों में शामिल हो गए हैं, जिनका मानना है कि टेक कंपनियां जेनेरिक एआई पर आधारित प्रोडक्ट बनाने के अपने आक्रामक अभियान के साथ खतरे की ओर भाग रही हैं. जेनेरिक एआई ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिनपर चैटजीपीटी जैसे चैटबॉट्स इन दिनों तैयार होकर काम करतीं हैं.

Also Read: ChatGPT जैसे AI टूल चुटकियों में तोड़ दे रहे पासवर्ड, ऐसे बचें खतरे से

Exit mobile version