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AI News: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सऊदी में बसा रहा नया शहर, एआई पर सर्वाधिक खर्च क्यों कर रहे खाड़ी देश?

Artificial Intelligence In Middle East - खाड़ी देशों का मुख्य काम तेल उत्पादन है. ये देश एआइ को अपनी अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा बनाना चाहते हैं, ताकि तेल के अलावा भी उनके लिए आय के नये साधन मिल सकें. एआइ को लेकर खाड़ी देशों, विशेषकर सऊदी अरब में लोगों की धारणा काफी हद तक सकारात्मक है.

AI in Middle East: ऑर्टिफिशयल इंटेलीजेंस (एआइ ) को लेकर दुनियाभर में चर्चाओं का दौर जारी है. कुछ इसका खुल कर समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे सिरे से ही नकार रहे हैं. इस बीच खाड़ी देश ऐसे हैं, जो लगातार एआइ को बढ़ावा देने में जुटे हैं. दुनियाभर में ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर सबसे ज्यादा धन खर्च करने के मामले में सऊदी, संयुक्त अरब अमीरात समेत अन्य खाड़ी देश आगे हैं.

AI पर मिडिल ईस्ट में 2026 तक 6.4 अरब डॉलर खर्च

डाटा कॉरपोरेशन की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. इसके मुताबिक यूएइ, सऊदी और कतर जैसे खाड़ी देश जिनका मुख्य काम तेल उत्पादन है, वह अपने देशों में एअाइ पर यूरोपीय देशों से ज्यादा खर्च कर रहे हैं. मिडिल ईस्ट देश इस साल एआइ पर तकरीबन तीन अरब डॉलर खर्च करेंगे, जो अगले तीन साल यानी 2026 तक बढ़ कर 6.4 अरब डॉलर हो जाएगा.

AI पर इतना खर्च क्यों

सबसे बड़ा सवाल है कि खाड़ी देश आखिर एआइ पर इतना खर्च क्यों कर रहे हैं? रिपोर्ट के मुताबिक, खाड़ी देशों का मुख्य काम तेल उत्पादन है. ये देश एआइ को अपनी अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा बनाना चाहते हैं, ताकि तेल के अलावा भी उनके लिए आय के नये साधन मिल सकें. एआइ को लेकर खाड़ी देशों, विशेषकर सऊदी अरब में लोगों की धारणा काफी हद तक सकारात्मक है.

AI से फायदा होता है या नुकसान?

एक सर्वेक्षण में यहां के लोगों से एआइ के बारे में अंतरराष्ट्रीय रुझान की जानकारी ली गयी. पूछा गया कि उपभोक्ता उत्पादों और सेवाओं में एआइ के इस्तेमाल से लाभ ज्यादा होता है अथवा नुकसान ? इस मामले में सऊदी अरब के लोग काफी उत्साही दिखे और उनका कहना था कि इससे फायदा होता है.

विरोधियों की जासूसी करने में भी इस्तेमाल?

हालांकि, पिछले दिनों कुछ रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि सऊदी ने हाल के कई मामलों में अन्य देशों में रह रहे अपने विरोधियों की जासूसी करने के लिए डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल किया है.

UAE में दुनिया का पहला AI मंत्री

संयुक्त अरब अमीरात यानी यएइ उन देशों में पहले नंबर पर है, जो राष्ट्रीय तौर पर एआइ तकनीक को अपना चुके हैं. यह दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसने एआइ मंत्री तक की नियुक्ति की है. उसके बाद तो मिस्र, जॉर्डन, मोरक्को, कतर और सऊदी अरब जैसे कई देश यूएइ के नक्शे कदम पर चलने लगे और अधिकांश ने इस रणनीति को पिछले तीन साल में अपनाया है.

सऊदी में नया शहर बसायेगा AI

सऊदी अरब तो अपना नया और महत्वाकांक्षी शहर नियोम बसाने के लिए एआइ का भरपूर सहयोग लेने की योजना बना रहा है. हालांकि एआइ को लेकर खाड़ी देश भी अलग-अलग सोचते हैं. फिलहाल यहां भी चैटबॉट्स की तरह ही आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल हो रहा है. हालांकि भविष्य में इसके बढ़ने की उम्मीद है.

AI का जन सुविधाओं में अधिक इस्तेमाल

खाड़ी देशों में इस समय एआइ का उसी तरह इस्तेमाल हो रहा है. जैसा कि अन्य देशों में हो रहा है. मसलन, चैटबॉट्स के रूप में या बिजली और पानी के लिए सरकारी सेवाओं को सुविधाजनक बनाने में, डिजिटल वित्तीय सेवाओं को बढ़ाने में, एमिरेट्स एयरलाइंस जैसी कंपनियों के परफॉर्मेंस का विश्लेषण करने में या फिर स्थानीय स्वास्थ्य सेवा संबंधी आंकड़ों को प्राप्त करने में एआइ का यहां खूब उपयोग हो रहा है. इस वर्ष मई महीने में यूएइ ने चैटजीपीटी के अपने संस्करण को जारी किया था.

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