नयी दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर गूगल पे पर अनधिकृत तरीके से उपयोगकर्ताओं के आधार और बैंकिंग सूचनाओं तक पहुंचने का आरोप लगाया गया है. इस बाबत दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) तथा रिजर्व बैंक से जवाब मांगा है.
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए गूगल इंडिया के डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेउ से भी अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है. साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए आठ नवंबर की तिथि तय कर दी.
बताया जाता है कि दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि गूगल पे ने अपने नियम और शर्तों में कहा है कि वह पक्षों के भुगतान से संबंधित ब्योरे को संग्रहित कर रही है. इसमें बैंक खाते और आधार का ब्योरा शामिल है. वहीं, संबंधित प्राधिकरणों की ओर से इसकी अनुमति नहीं दी गयी है.
दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के मुताबिक, निजी क्षेत्र की कंपनी गूगल पे को नागरिकों के आधार और बैंकिंग सूचनाओं को एकत्र करने, उपयोग करने और संग्रहित करने का कोई अधिकार नहीं है. साथ ही याचिकाकर्ता ने गूगल पे पर आरोप लगाया है कि रिजर्व बैंक से जरूरी मंजूरी के बिना ही वह वित्तीय लेनदेन की सुविधा दे रहा है.
मालूम हो कि गूगल पे पर हाल ही में उपयोगकर्ताओं को फिक्स्ड डिपोजिट की सुविधा देने की बात कही गयी थी. इसके लिए आधार कार्ड पर आधारित KYC (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया को पूरा करने की बात कही गयी थी. कंपनी की ओर से फिक्स्ड डिपोजिट पर अधिकतम ब्याज दर 6.35 फीसदी देने की बात कही गयी थी.