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Apple iPhone के टॉप 5 मार्केट्स में पहली बार शामिल हुआ भारत, पढ़ें पूरी खबर

ऐपल ने भी देश में एक नहीं बल्कि दो रिटेल आउटलेट खोले. रिपोर्टों से पता चला है कि मुंबई और नयी दिल्ली में ऐपल स्टोर काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. अब एक रिपोर्ट बताती है कि भारत ऐपल के लिए पांचवां सबसे बड़ा बाजार बन गया है.

By Rajeev Kumar | July 19, 2023 4:25 PM

Apple iPhone Update : भारत में ऐपल के लिए 2023 काफी अहम साल साबित हो रहा है. अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री के मामले में कंपनी रिकॉर्ड संख्या हासिल कर रही है. ऐपल ने भी देश में एक नहीं बल्कि दो रिटेल आउटलेट खोले. रिपोर्टों से पता चला है कि मुंबई और नयी दिल्ली में ऐपल स्टोर काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. अब एक रिपोर्ट बताती है कि भारत ऐपल के लिए पांचवां सबसे बड़ा बाजार बन गया है. काउंटरप्वाइंट रिसर्च के हवाले से सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईफोन की बिक्री के मामले में भारत जर्मनी और फ्रांस से आगे निकल गया है. काउंटरप्वाइंट के अनुसार, जून तिमाही के लिए जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार, भारत से आगे चार देश अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और जापान हैं.

भारत में ऐपल का मार्केट शेयर

हालांकि संख्याएं उत्साहजनक हैं, लेकिन ऐपल की कुल बाजार हिस्सेदारी अब भी काफी कम है. काउंटरप्वाइंट रिसर्च के मुताबिक, भारत में ऐपल की बाजार हिस्सेदारी 5.1% थी. यह संख्या कम है लेकिन पिछले साल की तुलना में बढ़ी है जब ऐपल की हिस्सेदारी 3.4% थी. सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जून तिमाही में कुल आईफोन बिक्री में भारत का योगदान 4% के करीब था. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐपल ने साल-दर-साल 50% की वृद्धि दिखाई है. भारत में प्रीमियम स्मार्टफोन बाजार पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है. जहां शाओमी और सैमसंग जैसी कंपनियां बजट और मिड-रेंज सेगमेंट में अपनी उपस्थिति के कारण हावी हैं, वहीं ऐपल ने प्रीमियम स्मार्टफोन बाजार में सबसे आगे है. पिछले कुछ वर्षों में, भारत में कुल स्मार्टफोन बाजार में अब 400 डॉलर (लगभग 35,000 रुपये) से ऊपर के स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 10% है. यह संख्या कोविड-19 महामारी से पहले 4% के आसपास थी.

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भारत में ऐपल के दो फिजिकल स्टोर

रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐपल की भारत में अपने उपकरणों की असेंबली बढ़ाने की भी योजना है. मॉर्गन स्टैनली की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत अगले पांच वर्षों में ऐपल के लिए और भी बड़ा बाजार बन जाएगा. आपको बता दें कि ऐपल ने बीते अप्रैल महीने में भारत में अपने दो फिजिकल स्टोर खोले. पहला, 18 अप्रैल 2023 को मुंबई के जियो वर्ल्ड ड्राइव में Apple BKC और दूसरा फिजिकल स्टोर 20 अप्रैल 2023 को दिल्ली के साकेत Apple Saket है. ऐपल के लिए भारत का बाजार कितना महत्वपूर्ण है, यह इसी बात से पता चलता है कि इन फिजिकल स्टोर्स की ओपनिंग के लिए कंपनी के सीईओ टिम कुक समेत कंपनी का रिटेल बिजनेस देखनेवाले शीर्ष अधिकारी भी भारत आये थे.

ऐपल स्टोर क्या होता है?

ऐपल स्टोर एक रिटेल स्टोर होता है, जो अपने प्रोडक्ट्स बेचने से ज्यादा यूजर एक्सपीरियंस के लिए जाना जाता है. दुनिया के सबसे लोकप्रिय ब्रांड का मुख्य फोकस यूजर्स को ऐपल के इकोसिस्टम का आदी बनाना है. ऐपल स्टोर में काम करने वाले कर्मचारियों को ऐपल जीनियस कहा जाता है, जो ग्राहकों को ऐपल के प्रोडक्ट्स के बारे में समझाते हैं. ऐपल स्टोर पर ग्राहक किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले जितना चाहे इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐपल का सबसे पहला फिजिकल रिटेल स्टोर अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी के पास वर्जिनिया के टायसंस कॉर्नर सेंटर मॉल में 15 मई 2001 को खुला था. ऐपल का रिटेल स्टोर फिलहाल अमेरिका (300 से ज्यादा), यूके (200 से ज्यादा), चीन (44), कनाडा (28), ऑस्ट्रेलिया (22), फ्रांस (20), इटली (17), जर्मनी (16), जापान (10), स्पेन (11), हांगकांग (6), दक्षिण कोरिया (5), यूएई (4), तुर्किए (3), थाईलैंड (2), ताइवान (2), स्विट्जरलैंड (3), स्वीडन (3), सिंगापुर (3), नीदरलैंड्स (3), भारत (2), मैक्सिको (2), मकाउ (2), ब्राजील (2), बेल्जियम (1) और ऑस्ट्रिया (1) में हैं.

आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी भारत पर फोकस

ऐपल भारत में अपना बाजार ही नहीं बढ़ा रही है, वह अपने प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी यहीं फोकस कर रही है. मोबाइल मैनुफैक्चरिंग कंपनियों के लिए सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव यानी पीएलआई (PLI Scheme) ऐपल को भारत में आईफोन बनाने (iPhones manufacturing in India) के लिए प्रेरित कर रही है. खबर है कि कंपनी साल 2025 तक अपने कुल आईफोन का 18 प्रतिशत आईफोन भारत में बनाएगी. फिलहाल यह 7 प्रतिशत है. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, बैंक ऑफ अमेरिका (Bank of America) के इंडिया हेड और मैनेजिंग डायरेक्टर अमिश शाह ने कहा है कि हम मानते हैं कि भारत मोबाइल फोन/इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एक विश्वसनीय इंटरनेशनल सप्लाई चेन का ऑप्शन हो सकता है. हमारा मानना है कि आयात में कटौती/निर्यात में बढ़ोतरी के भारत के प्रयासों से इसके मैक्रो-आउटलुक में सुधार हो सकता है.

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