Rajasthan: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहां राजस्थान पुलिस अकादमी में साइबर अपराध जांच केंद्र स्थापित करने के लिए 11.73 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. बयान में कहा गया है कि बढ़ते साइबर अपराध से निपटने के लिए पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि यह केंद्र कानून प्रवर्तन एजेंसियों, साइबर सुरक्षा पेशेवरों, कानूनी विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं की राय भी लेगा. बयान के अनुसार, इसके अलावा राजस्थान पुलिस अकादमी स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए 7.50 करोड़ रुपये की लागत से आठ लेन वाला 400 मीटर लंबा ‘सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक’ बनाया जाएगा. गहलोत ने 2023-24 के बजट में ट्रैक निर्माण की योजना की घोषणा की थी.
मॉडर्न टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेन्ट ने हमारी दिनचर्या को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है, लेकिन इसके साथ ही साइबर क्राइम की भी बढ़ती चुनौतियों का सामना करना भी पड़ रहा है. साइबर क्राइम वह अपराध है जो डिजिटल माध्यमों और टेक्निकल इक्विपमेंट का गलत इस्तेमाल करके किया जाता है. यह अपराध अलग-अलग रूपों में हो सकता है, इनमें ऑनलाइन धोखाधड़ी, डेटा थेफ़्ट, वायरस और मैलवेयर स्प्रेड करना, फिशिंग, ऑनलाइन आतंकवाद आदि शामिल हैं. यह अपराधियों को आसानी से व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी चुराने का मौका देता है, जिससे लोगों की गोपनीयता और सुरक्षा को खतरे में डालता है.
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साइबर क्राइम के खिलाफ लड़ाई में सभी की भागीदारी आवश्यक है. लोगों को साइबर सिक्योरिटी के बारे में जागरूक होना चाहिए, ताकि वे अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकें. सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को भी साइबर सुरक्षा में निवेश करना और तकनीकी उन्नति के साथ सामर्थ्यवर्धन करना महत्वपूर्ण है. संक्षेप में, साइबर क्राइम एक डिजिटल दुनिया की अवश्यकता के साथ-साथ बढ़ती चुनौतियों का परिणाम है. हम सभी को साइबर सुरक्षा में जागरूक रहकर इस नई दुनिया में सुरक्षित रहने के उपायों को सीखना आवश्यक है. (भाषा इनपुट के साथ)