Advin Roy Netto Bags Job at Google: आप सभी ने एक कहावत जरूर सुनी होगी कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. इस कहावत का मतलब है कि अगर आप बिना किसी चीज की परवाह किये अपने लक्ष्य को पाने की कोशिश करते रहेंगे तो एक दिन वह चीज आपको मिल ही जाएगी. 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद Advin Netto के लिए यह कहावत सच साबित हुई. बता दें Advin Roy Netto बेंगलुरु के रहने वाले एक टेकि हैं और पिछले 10 सालों से Google में जॉब पाने के लिए प्रयत्न कर रहे थे. लेकिन, हर बार कंपनी उनके आवदेन को रिजेक्ट कर दे रही थी. उन्होंने इस रिजेक्शन को नेगेटिव तौर पर नहीं लिया और मेहनत जारी रखा. आखिरकार उनकी यह मेहनत रंग लायी और एक लम्बे इंतजार के बाद Google में उन्हें अपना ड्रीम जॉब मिल गया.
Advin Netto बेंगलुरु के रहने वाले एक टेकि हैं. यह एक डिजिटल डिजाइनर/UX डिजाइनर हैं. Advin पिछले 10 सालों से Google में जॉब पाने के किये प्रयास कर रहे थे. लेकिन, हर बार उन्हें निराशा का सामना करना पड़ता था. अगर आप सोच रहे हैं कि Google में जॉब लगना कौन सी बड़ी बात है तो बता दें, हमारे लिए यह बड़ी बात न हो लेकिन, Advin के लिए ये उनका सपना था जो कि अब हकीकत बन चुका है. Advin का सपना था Google में काम करने का जो कि आज सच हो गया है. आखिरकार गूगल ने उनके एप्लीकेशन को स्वीकार लिया है और Advin मेहनत रंग लेकर आयी है.
बेंगलुरु के रहने वाले Advin Netto ने साल 2007 में अपना ग्रेजुएशन Animation and Graphics Designing से किया था. ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद साल 2008 में उन्हें उनका पहला मौका Sarigam Luxury Villa Retreat ने दिया. उन्होंने वहीं नौकरी ज्वाइन कर ली. लगभग 1 साल और कुछ महीनों तक वहां काम करने के बाद उन्होंने क्रिएटिव डिजाइनर के तौर पर किसी दूसरे कंपनी को ज्वाइन कर लिया. यह सिलसिला यही नहीं रुका, बीते 12 सालों में उन्होंने 7 अलग-अलग जगहों पर काम करके अपने एक्सपीरियंस को और भी बेहतर किया. लेकिन, काम करते-करते भी उन्होंने अपने ड्रीम जॉब को पाने की कोशिश नहीं छोड़ी और आखिरकार साल 2022 में Google में उन्होंने अपने लिए जगह बना ली.
Google पर उन्होंने अपने ड्रीम जॉब को हासिल करने के बाद सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर उन्होंने अपने परिवार के साथ एक वीडियो शेयर की. उस वीडियो में उन्होंने कहा कि- हम अक्सर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स की किसी भी कहानी का अच्छा पक्ष ही देखते हैं. हमें उस कहानी के पीछे के मेहनत को भी समझने की जरुरत है. आगे उन्होंने Instagram पर भी पोस्ट शेयर किया जिसमें उन्होने लिखा कि- हर साल जब मैं Google से रिजेक्ट होता था तब मैं यह चेक करता था कि आखिर मेरी गलती कहां है. इसके बाद मैं अपने रिज्यूम और पोर्टफोलियो को और मजबूत बनाने में लग जाता था. जानकारी के लिए बता दें Google पर हर हफ्ते करीबन 1 लाख एप्लीकेशन भेजे जाते हैं जिनमें से केवल 144 को ही मेन ऑफिस के लिए चुना जाता है. इसका मतलब यह यह कि कंपनी में चुने जाने के लिए आपके पास 1 प्रतिशत से भी कम मौका है.