BIS Blockchain Standards: भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआईएस ब्लॉकचेन जैसी एमर्जिंग टेक्नोलॉजी के लिए स्टैंडर्ड्स सेट करने की तैयारी कर रही है. बीआईएस ने कहा है कि वह ब्लॉकचेन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए मानक तैयार कर रहा है. इसके साथ ही बीआईएस ने स्पष्ट किया है कि वह हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों के लिए छह अंक का अल्फान्यूमेरिक एचयूआईडी अनिवार्य बनाने की समयसीमा को एक अप्रैल की आगे नहीं बढ़ाएगा.
भारतीय मानक ब्यूरो के प्रमुख प्रमोद कुमार तिवारी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, हम कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए मानक बनाते हैं. हमारे राष्ट्रीय मानकों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है ताकि हमारा बाहरी व्यापार सुचारू रहे.
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उन्होंने कहा कि 22,000 बीआईएस मानक में से 8,000 अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं जिनमें बिजली क्षेत्रों के लिए आईईसी मानक और गैर-विद्युत क्षेत्रों के लिए आईएसओ मानक शामिल हैं.
भारत उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा), ब्लॉकचेन, ब्रेन कंप्यूटिंग इंटरफेस और बिग डेटा एनालिटिक्स आदि के लिए सक्रिय रूप से मानकों को तैयार करने में लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन नये क्षेत्रों में परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहा है, जो भविष्य में आईएसओ मानकों के रूप में उभरेंगे.
सोने की हॉलमार्किंग पर तिवारी ने कहा कि सरकार ने केवल छह अंक के अल्फान्यूमेरिक एचयूआईडी (हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन) के साथ हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की बिक्री के लिए एक अप्रैल की समयसीमा निर्धारित की है और इसे बढ़ाया नहीं जाएगा.
उन्होंने कहा, हमने ज्वेलर्स को पुराने स्टॉक का निपटान करने के लिए दो साल से ज्यादा का समय दिया. अब आगे कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सोने के आभूषणों पर छह अंक का एचयूआईडी निशान अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए जौहरियों के निकाय के साथ हाल ही में एक बैठक हुई थी. (भाषा इनपुट के साथ)