25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कार के ग्लास पर Black Film ना लगवाना, ट्रैफिक पुलिस काटेगी जुर्माना

Traffic Rules: सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, कार की विंडशील्ड के सामने और पीछे के ग्लास के लिए विजिबिलिटी कम से कम 70 फीसदी और विंडो के लिए 50 फीसदी होनी चाहिए. यदि विजिबिलिटी निर्धारित सीमा से कम होती है या इन पर ब्लैक फिल्म लगाकर कार विजिबिलिटी को कम किया जाता है, तो ये नियमों के खिलाफ है.

Traffic Rules: गर्मी का पारा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. चढ़ते पारे की तपिश से बचने के लिए लोग ‘जान है, तो जहान है’ को ब्रह्मवाक्य मानकर तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. खासकर, जिनके पास कारें हैं, वे गाड़ी में एयरकंडीशन रहने के बावजूद उसके ग्लास पर ब्लैक फिल्म लगवा रहे हैं, लेकिन इस फेर में वे जाने-अनजाने में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन भी कर रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि लोग-बाग सूरज भगवान की तेज धूप से बचने के लिए कारों के ग्लास पर ब्लैक फिल्म चिपकवाकर बड़े शान से सड़क पर निकल रहे हैं, लेकिन चौक-चौराहों पर तीसरी आंख लगाकर बैठी ट्रैफिक पुलिस दनादन चालान भी काट रही है. इस समय देश की राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा में इस तरह के मामले काफी देखे जा रहे हैं. कारों के शीशे पर लगाए गए ब्लैक फिल्म के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस ने तो अभियान छेड़ रखा है. आइए, जानते हैं कि कारों के ग्लास पर नियमत: गलत क्यों है?

कारों के ग्लास पर ब्लैक फिल्म लगवाना की क्यों है मनाही

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, कारों के ग्लास पर ब्लैक फिल्म लगाने पर रोक लगाने के पीछे का मकसद अपराध को कम करना या फिर अपराधियों की पहचान करना है. कारों के ग्लास पर ब्लैक फिल्म लगी होने के बाद पुलिस या फिर भी व्यक्ति को कार के अंदर बैठे व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाती है. ऐसे में अगर कोई अपराधी कार के अंदर किसी अपराध को अंजाम दे रहा हो या फिर कोई शातिर अपराधी कार में बैठकर फरार हो रहा हो, तो किसी को पता नहीं चल पाता. ब्लैक फिल्म कोटेड कारों का इस्तेमाल अक्सरहां अपराध को अंजाम देने के लिए किया जाता रहा है. इसीलिए, सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में इसके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.

200-300 रुपये के ब्लैक फिल्म पर 10000 रुपये का जुर्माना

हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि कारों के ग्लास पर ब्लैक फिल्म लगवाना ट्रैफिक नियमों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि कारों के ग्लास पर ब्लैक फिल्म लगवाने के बाद मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत नियम 100 के अनुसार कार्रवाई करने और 10000 रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है. बताते चलें कि मार्केट में कारों के ग्लास पर 200 से 300 रुपये में ब्लैक फिल्म लग जाती है.

Also Read: कार के टेल बैज पर लिखे संकेत अक्षरों का मतलब क्या है?

सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में दिया था फैसला

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल 2012 को देश के सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों तथा पुलिस आयुक्तों को निर्देश जारी कर केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत नियम 100 के तहत सभी तरह के वाहनों के विंडस्क्रीन और खिड़कियों के ग्लास पर लगी ब्लैक फिल्मों को हटाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट के के अनुसार, देश में कार की विंडशील्ड के सामने और पीछे के ग्लास के लिए विजिबिलिटी कम से कम 70 फीसदी और विंडो के लिए 50 फीसदी होनी चाहिए. यदि विजिबिलिटी निर्धारित सीमा से कम होती है या इन पर ब्लैक फिल्म लगाकर कार विजिबिलिटी को कम किया जाता है, तो ये नियमों के खिलाफ है.

Also Read: All Wheel Drive टेक्नोलॉजी कारों में लगा देती है पंख, जानें कैसे करती है काम

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें