भारत के ऑटो बाजार में तेजी का दौर जारी, कार बेचने के मामले में जापान को पछाड़ा

हाल के दिनों में ऑटोमोटिव उद्योग और बाजार को जो मदद मिली है, वह यह है कि यहां मांग मजबूत बनी हुई है. वहीं, डिलीवरी की समयसीमा में लगातार कमी आ रही है. उत्तर भारत के कई हिस्सों में गंभीर मानसून और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण मांग में बाधा के बावजूद यात्री वाहन की बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई है.

By KumarVishwat Sen | August 7, 2023 1:50 PM

नई दिल्ली : भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में उत्साह और जश्न का दौर जारी है. जुलाई महीने के लिए फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों से पता चलता है कि सभी वाहन खंडों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है. हाल के महीनों से सकारात्मक गति जारी रखते हुए इस महीने खुदरा क्षेत्र में साल-दर-साल 10 फीसदी की वृद्धि देखी गई. भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री हाल ही में जापान को पछाड़कर चीन और अमेरिका के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा उद्योग बन गया है. अभी फिलहाल जब चीन और अमेरिका भारत से काफी आगे हैं, तो भारतीय ऑटोमोटिव बाजार भी प्रभावशाली प्रगति कर रहा है. यात्री वाहन (कार) श्रेणी विशेष रूप से प्रभावशाली रही है, जिसमें विभिन्न प्रकार के बॉडी प्रकारों और मूल्य वर्ग में कई नए और अपडेटेड मॉडल लॉन्च किए गए हैं, जिससे गति बढ़ गई है. हालांकि, इस दौर में भी दोपहिया वाहन श्रेणी चिंता का विषय रही है, लेकिन जुलाई महीने में इस श्रेणी में भी सकारात्मक वृद्धि देखी गई. हालांकि, अगस्त के तीसरे हफ्ते से शुरू होने वाले फेस्टिव सीजन के दौरान यात्री वाहनों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है.

कार बाजार में एसयूवी का जोर

हाल के दिनों में ऑटोमोटिव उद्योग और बाजार को जो मदद मिली है, वह यह है कि यहां मांग मजबूत बनी हुई है. वहीं, डिलीवरी की समयसीमा में लगातार कमी आ रही है. फाडा के अनुसार, सभी खंडों और श्रेणियों में ऐसी ही स्थिति बनी हुई है. यह भी प्रभावशाली है कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में गंभीर मानसून और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण मांग में बाधा के बावजूद यात्री वाहन की बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कार बाजार में एसयूवी का जोर है. इधर, दोपहिया वाहनों की बिक्री में भी तेजी आई है. फाडा के अनुसार, जहां इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को अधिक पसंद किया जा रहा है, वहीं पेट्रोल से चलने वाले विकल्पों को भी काफी पसंद किया जा रहा है.

वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में चुनौतियां बरकरार

जहां तक ​​वाणिज्यिक वाहन (सीवी) श्रेणी का सवाल है, इसमें चुनौतियां और अवसर दोनों हैं. स्टॉक की उपलब्धता और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को बढ़ावा एक प्रमुख कारक बना हुआ है, भले ही उच्च वाहन लागत और गंभीर मानसून जुलाई के महीने में मांग में बाधा साबित हुए. जुलाई महीने में रिकॉर्ड बिक्री के साथ तिपहिया वाहन अन्य प्रकार के वाहनों की तुलना में अधिक मजबूत प्रदर्शन कर रहे हैं.

खुदरा बिक्री में 10 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज

यात्री वाहनों, दोपहिया और ट्रैक्टर सहित सभी खंडों में मजबूत मांग के चलते जुलाई में वाहनों की खुदरा बिक्री 10 फीसदी बढ़ी. ऑटो डीलरों के निकाय फाडा ने सोमवार को कहा कि पिछले महीने वाहनों की कुल बिक्री बढ़कर 17,70,181 इकाई हो गई, जो जुलाई 2022 में 16,09,217 इकाई थी. जुलाई में यात्री वाहनों की बिक्री चार फीसदी बढ़कर 2,84,064 इकाई हो गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 2,73,055 इकाई थी.

ऑर्डर में भी वृद्धि दर्ज

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने बताया कि इस महीने ऑर्डर में वृद्धि हुई. हालांकि, उत्तर भारत में मानसून के गंभीर असर और बाढ़ जैसी स्थितियों के कारण बिक्री पर असर पड़ा. समीक्षाधीन महीने में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री आठ फीसदी बढ़कर 12,28,139 इकाई हो गई, जो जुलाई 2022 में 11,35,566 इकाई थी. वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री पिछले महीने सालाना आधार पर दो फीसदी बढ़कर 73,065 इकाई रही. तिपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री में 74 फीसदी की जोरदार बढ़ोतरी हुई. ट्रैक्टर की बिक्री 21 फीसदी बढ़ी.

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फेस्टिव सीजन में बिक्री बढ़ने की उम्मीद

फाडा का अनुमान है कि अगस्त भारतीय ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए एक और मजबूत महीना होने की संभावना है. देश में फेस्टिव सीजन अगस्त के तीसरे सप्ताह में शुरू होगी. एक सामंजस्यपूर्ण आपूर्ति-मांग संतुलन से विशेष रूप से दोपहिया श्रेणी को लाभ होने की संभावना है, जबकि नए मॉडलों की शुरूआत से यात्री वाहन श्रेणी की ताकत बढ़ने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी. तिपहिया वाहनों की मांग अभी भी मजबूत हो सकती है और सीवी श्रेणी में रुकी हुई मांग संभावनाओं को मजबूत करेगी.

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