BS6 Effect: सेकेंड हैंड की कीमत पर ब्रांड न्यू गाड़ी, है सौदा खरा खरा…
bs6 effect, BS4 vs BS6, Auto Dealers, second hand market, pre owned cars, pre owned bikes, bs4 vehicles discount: खबर यह है कि कुछ डीलरशिप ने बची हुई बीएस4 गाड़ियों को बेचने का अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है. एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के कई डीलरशिप ने अपने बिना बिके बीएस4 वाहनों को पंजीकृत किया है और अब वे सेकेंड हैंड सेगमेंट में बिक्री पर नजर टिकाये हुए हैं.
BS4, BS6 Pre Owned Cars and Bikes: भारत में कोरोना वायरस के आने से पहले ही से देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी छाई हुई थी. इसके बाद बीएस4 और बीएस6 कंप्लाएंट इंजनवाली गाड़ियों का चक्कर और रही-सही कसर कोरोना जनित मंदी ने पूरी कर दी. अब देशभर में कई ऑटोमोबाइल डीलरशिप इस समय बिना बिके हुए बीएस4 वाहनों को निबटाने में अपना सिर खपा रहे हैं.
एक तो लॉकडाउन और दूसरे बीएस4 गाड़ियों का स्टॉक, जिसे एक अप्रैल से पहले निबटा देना था. क्योंकि नये नियमों के अनुसार, एक अप्रैल के बाद से देशभर में सिर्फ वही गाड़ियां बिकेंगी जिनका इंजन बीएस6 एमिशन नॉर्म्स के तहत कंप्लाएंट हो. चूंकि इस तारीख से पहले ही कोरोना वायरस लॉकडाउन देशभर में लागू हो गया, ऐसे में ऑटो डीलरशिप्स में बीएस4 गाड़ियों का स्टॉक खड़ा हो गया.
Also Read: BS6 Scorpio SUV: महिंद्रा स्कॉर्पियो नये अवतार में आयी, यहां जानें कीमत और सारी खूबियां
अब खबर यह है कि इनमें से कुछ डीलरशिप ने बची हुई बीएस4 गाड़ियों को बेचने का अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है. कई डीलरशिप ने अपनी गाड़ियों को प्री-ओन्ड सेगमेंट में बेचने के लिए छद्म नामों पर रजिस्टर कराने का तरीका निकाल लिया है.
Also Read: 2020 Renault Duster BS6 लॉन्च, जानें कितनी बदली है यह SUV
बिजनेस पत्रिका लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के कई डीलरशिप ने अपने बिना बिके बीएस4 वाहनों को पंजीकृत किया है और अब वे सेकेंड हैंड सेगमेंट में बिक्री पर नजर टिकाये हुए हैं. रिपोर्ट में कई डीलरशिप के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि खास तौर पर दोपहिया वाहनों के मामले में ऐसा किया जा रहा है क्योंकि इस श्रेणी में बीएस4 वाहनों का स्टॉक कारों और कमर्शियल गाड़ियों की तुलना में बहुत ज्यादा है.
Also Read: Hyundai की सबसे सस्ती कार BS6 इंजन के साथ लॉन्च
यहां गौरतलब यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी बीएस4 वाहनों की बिक्री के लिए एक अप्रैल की समय सीमा तय की थी. इस फैसले में मार्च में कुछ राहत तब मिली जब शीर्ष अदालत ने देशव्यापी लॉकडाउन खत्म होने के बाद डीलरों को अपने बीएस4 स्टॉक का 10 फीसदी बेचने की अनुमति दी.
Also Read: BS6 Suzuki Gixxer Series Launch: सुजुकी ने पेश की जिक्सर बाइक की नयी रेंज, पढ़ें पूरी खबर
रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कई डीलर अनिश्चितता के भरोसे टिके रहने को तैयार नहीं हैं. डीलर्स अच्छी तरह से जानते हैं कि सेकेंड हैंड के रूप में रजिस्टर्ड नये बीएस4 वाहनों के बदले उन्हें बहुत कम कीमत मिलेगी. इसमें एक बार फिर से रोड टैक्स देना होगा और कुछ राज्यों में ट्रांसफर फीस भी शामिल होगा. यह खर्च भी डीलर्स का बोझ बढ़ाएगा. इसके बावजूद कई डीलर अपने बचे हुए स्टॉक को बेचने के लिए यह तरीका अपनाएंगे, बनिस्पत इसके कि उनका बीएस4 स्टॉक बिन बिका ही रह जाए.
Also Read: Lockdown के बीच BS6 TVS Radeon लॉन्च, खासियत जान रह जाएंगे दंग
बताते चलें कि बीएस6 ईंधन और बीएस6 उत्सर्जन मानक वाले इंजन को लागू करने की एक मुख्य वजह वाहनों से होने वाले प्रदूषण का स्तर नीचे लाना है. कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे घातक गैसें इंटरनल कंबशन इंजन से पैदा होती हैं. इसके अलावा डीजल और डायरेक्ट इंजेक्शन पेट्रोल इंजन से पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) पैदा होते हैं.
Also Read: BS6 Royal Enfield Bullet 350: महंगी हुई बुलेट, जानें नयी कीमत
प्रदूषण को कम करने के लिए ईंधन के जलने वाले चैंबर को और परिष्कृत किया जाता है जिससे बाइप्रोडक्ट कम निकलें. इसके अलावा पर्टिकुलेट मैटर और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषण को रोकने के लिए अतिरिक्त तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.
Also Read: BS6 Royal Enfield Bullet को टक्कर देगी Jawa Forty Two BS6, जानें कौन है ज्यादा दमदार
बहरहाल, अगर आपको भी अपने आस-पास ऐसे डीलरशिप का पता चलता है, जो अपनी बीएस4 स्टॉक की नयी गाड़ियां सेकेंड हैंड के रूप में रजिस्टर्ड कर बेच रही हैं तो आपके लिए सेकेंड हैंड की कीमत में नयी गाड़ी खरीदना फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
Also Read: 2020 Renault Duster BS6 लॉन्च, जानें कितनी बदली है यह SUV