2025 का बजट भारत को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हब बनाने में करेगा मदद, केंद्रीय बजट पर बोले प्योर ईवी के फाउंडर निशांत डोंगरी

Budget: प्योर ईवी के फाउंडर निशांत डोंगरी का कहना है कि कि वर्ष 2025 के केंद्रीय बजट को विकास की दिशा में प्रगति और भविष्य को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.

By Prashant Tiwari | February 3, 2025 4:17 PM

मोदी 3.0 सरकार के पहरे पूर्णकालिक बजट पर अब विशेषज्ञों की राय सामने आने लगी है. इसी कड़ी में प्योर ईवी के फाउंडर निशांत डोंगरी ने भी बजट को लेकर अपनी राय रखी हैं. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 के केंद्रीय बजट को विकास की दिशा में प्रगति और भविष्य को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जो टेक्नोलॉजी और ऊर्जा पर भारत की आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है. लिथियम-आयन बैटरी पर छूट और ईवी बैटरी निर्माण के लिए 35 नई छूटें, भारत को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का वैश्विक हब बनाने की दिशा में तेजी से स्थानीयकरण और तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देंगी. 

मजबूत इकोसिस्टम तैयार करेगा बजट 

उन्होंने आगे कहा कि नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन, जिसमें ईवी बैटरीज़, मोटर्स, कंट्रोलर्स और ग्रिड-स्तरीय स्टोरेज को शामिल किया गया है, घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देगा और स्थायी मोबिलिटी के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार करेगा. खासतौर से, ग्रिड-स्केल (ईएसएस) बैटरीज़ पर ध्यान केंद्रित करना जरुरी है, जिससे सौर और पवन ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा और ईवी के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को तेज़ी से स्थापित किया जाएगा.”

प्योर ईवी के फाउंडर निशांत डोंगरी

स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स सराहनीय कदम

10,000 करोड़ के स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स भी एक सराहनीय कदम है, जो उद्यमियों को विभिन्न चरणों में महत्वपूर्ण पूंजी प्रदान करेगा, जिससे विदेशी फंडिंग पर निर्भरता कम होगी और स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा, न्यूक्लियर एनर्जी मिशन, जिसमें वर्ष 2047 तक 100 गीगावॉट का लक्ष्य और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स (एसएमआर) के लिए 20,000 करोड़ रुपए का आवंटन, भारत की स्वच्छ ऊर्जा की महत्वाकांक्षाओं को और मजबूत करता है. 

ग्रामीण क्रेडिट स्कोर क्रांतिकारी कदम

साथ ही, ग्रामीण उधारकर्ताओं के लिए ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ फ्रेमवर्क की शुरुआत एक क्रांतिकारी कदम है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय पहुंच को बेहतर बनाएगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेगा. यह कदम स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और ग्रामीण उधारकर्ताओं को लोन और वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करके उन्हें सशक्त करेगा. यह बजट आत्मनिर्भर, हरित और नवाचार-प्रेरित भारत के लिए एक मजबूत नींव रखता है. 

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