क्या दर्शकों को लुभा पाएगा नया स्ट्रीमिंग ऐप क्विबी?
can quibi streaming app lure users : पिछले कुछ सालों में एंटरटेनमेंट की दुनिया सिमट कर लोगों की हथेली में आ गयी है. चाहे अमेजन प्राइम हो या नेटफ्लिक्स, आज मोबाइल बेस्ड एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म युवाओं में ही नहीं हर आयुवर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है. मोबाइल आधारित एंटरटेनमेंट ऐप के क्षेत्र में सोमवार को एक नये खिलाड़ी की एंट्री हुई है. इस खिलाड़ी का नाम है क्विबी. यह क्विक बाइट का शॉर्ट फॉर्म है. फिलहाल यह ऐप सिर्फ अमेरिका और कनाडा में उपलब्ध है. पहले दिन इसे तीन लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया.
can quibi streaming app lure users : पिछले कुछ सालों में एंटरटेनमेंट की दुनिया सिमट कर लोगों की हथेली में आ गयी है. चाहे अमेजन प्राइम हो या नेटफ्लिक्स, आज मोबाइल बेस्ड एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म युवाओं में ही नहीं हर आयुवर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है.
मोबाइल आधारित एंटरटेनमेंट ऐप के क्षेत्र में सोमवार को एक नये खिलाड़ी की एंट्री हुई है. इस खिलाड़ी का नाम है क्विबी. यह क्विक बाइट का शॉर्ट फॉर्म है. फिलहाल यह ऐप सिर्फ अमेरिका और कनाडा में उपलब्ध है. पहले दिन इसे तीन लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया.
क्यों है खास : जहां दूसरे एंटरटेनमेंट ऐप मोबाइल के साथ-साथ टीवी पर भी देखे जा सकते हैं, वहीं क्विबी सिर्फ मोबाइल फोन या टैबलेट यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा. यह एक पूरी तरह से मोबाइल बेस्ड एंटरटेनमेंट ऐप है. यह ऐप खासतौर पर तेज शहरी जीवनशैली वाले लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जिनके पास ठहर कर कुछ देख पाने का अवकाश नहीं रहता है.
स्थापना : क्विबी की स्थापना वॉल्ट डिजनी मूवी स्टूडियो और ड्रीमवर्क्स एनिमेशन के पूर्व मुखिया जेफ्री कैट्जनबर्ग द्वारा की गयी थी और अभी इसकी कमान ई-बे और हेवलेट पैकर्ड की भूतपूर्व सीईओ मेग व्हिटमैन संभाल रही हैं. कैट्जनबर्ग का दावा है कि सर्च की दुनिया में जो स्थान गूगल का है, अगले पांच साल में शॉर्ट फॉर्म वीडियो की दुनिया में वही स्थान क्विबी का होगा.
1.75 अरब डॉलर का निवेश : इस ऐप पर जेफ्री कैट्जनबर्ग ने काफी कुछ दांव पर लगाया है. अनुमान के मुताबिक लांच से पहले ही इस पर 1.75 अरब डॉलर का निवेश किया जा चुका है. हॉलीवुड के नामचीन सितारों और निर्देशकों ने मिलकर इसके लिए कंटेंट तैयार किया है. इसके निर्देशकों की सूची में कई बार ऑस्कर पुरस्कार जीत चुके स्टीफन स्पीलबर्ग का भी नाम है.
प्रोगाम्स होंगे खास : इस प्लेटफॉर्म पर परंपरागत कंटेंट की जगह खास तरह से बनायी गयी कैप्सूलनुमा छोटी अवधि की फिल्में ही दर्शकों के लिए उपलब्ध होंगी. इस पर दिखाया जानेवाला कोई कार्यक्रम 10 मिनट से ज्यादा का नहीं होगा. इस पर डाक्यूमेंट्री, रियलिटी शो और न्यूज के कार्यक्रम भी दिखाये जायेंगे. वास्तव में क्विबी की सफलता या असफलता का सारा दारोमदार इसके कंटेंट पर है.
सारा कंटेंट अपना : जहां दूसरे स्ट्रीमिंग ऐप्स ने धीरे-धीरे खरीद कर या अपने ऑरिजिनल कार्यक्रमों से अपनी लाइब्ररी तैयार की है, वहीं क्विबी का सारा कंटेंट अपना तैयार किया होगा. कंपनी का दावा पहले साल में 175 ओरिजिनल शोज लांच करने का है. इसके तहत फिल्मों या सीरीज को को 7 से 10 मिनट की धारावाहिक में दिखाया जायेगा.
होगा नया व्यूइंग एक्सपीरिएंस : क्विबी देखने का अनुभव सिर्फ कंटेंट के हिसाब से ही नया नहीं होगा. दर्शक को न्या व्यूइंग एक्सपीरिएंस देने के लिए क्विबी ने एक नयी फिल्म मेकिंग टेक्नोलॉजी टर्नस्टाइल को खासतौर पर पेटेंट कराया है. यह दर्शकों को पोट्रेट मोड से लैंडस्केप मोड के बीच आसानी से स्विच करने की सुविधा देता है.
90 दिन का फ्री ट्रायल : फिलहाल क्विबी 90 दिनों का फ्री ट्रायल ऑफर दे रहा है. इसके बाद इसे विज्ञापनों के साथ पांच डॉलर और बिना विज्ञापनों के 8 डॉलर (भारत में 669 रुपये) प्रति महीने के शुल्क पर देखा जा सकेगा.
किनसे होगा मुकाबला : क्विबी का मुकाबला डिजनी प्लस, एचबीओ मैक्स, अमेजॉन प्राइम और नेटफ्लिक्स जैसे एंटरटेनमेंट ऐप्स से होगा. लेकिन कंटेंट के आकार को देखते हुए इसका मुकाबला मुख्य तौर पर शॉर्ट फिल्म्स वाले माध्यमों यू-ट्यूब, फेसबुक और टिकटॉक से होगा.