Loading election data...

Car Tips: कार सर्विसिंग सेंटर वाले ऐसे लगाते हैं चूना, फ्रॉड से बचने के लिए करें ये उपाय

Car Tips: गाड़ी में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स की एक समय सीमा होती है. हर बार सर्विस में पार्ट्स बदलवाने की ज़रूरत नहीं होती. एयर फ़िल्टर, ऑयल फ़िल्टर, ब्रेक पैड्स जैसे पार्ट्स बदलने से पहले उनकी हालत ज़रूर देखें.

By Abhishek Anand | May 3, 2024 4:22 PM

Car Tips: आज के दौर में कार होना एक आम सी बात है, कार का होना हर मध्यमवर्गीय परिवार की एक ज़रूरत सी बन गयी है, लेकिन ज़्यादातर लोग कार लेने के बाद उसके रखरखाव के बारे में ज़्यादा नहीं जानते. इसी का फायदा उठाकर कई बार सर्विस सेंटर और मैकेनिक ग्राहकों को चूना लगा देते हैं. यहां कुछ ऐसी जानकारी दी गयी है, जिनके इस्तेमाल से आप नुकसान उठाने से बच सकते हैं.

इंजन डी-कार्बोनाइजेशन:

नई गाड़ियों में 50,000 किलोमीटर तक डी-कार्बोनाइजेशन की ज़रूरत नहीं होती. 15,000-20,000 किलोमीटर पर डी-कार्बोनाइजेशन करवाने पर 1800 रुपये तक का खर्च आ सकता है. इस खर्च से बचने के लिए ध्यान दें कि डी-कार्बोनाइजेशन की ज़रूरत तभी है जब गाड़ी में दम कम लगे या प्रदूषण ज्यादा हो.

Pulsar NS400Z: लॉन्च हो गई सबसे दमदार पल्सर, मात्र 5000 में बुक करें

इंजन ड्रेसिंग:

इंजन ड्रेसिंग में इंजन को स्प्रे से साफ किया जाता है, जिसके लिए 800 रुपये तक चार्ज किए जाते हैं. आपको बताएं कि इंजन ड्रेसिंग ज़रूरी नहीं है. आप खुद भी इंजन को साफ कर सकते हैं.

पार्ट्स:

गाड़ी में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स की एक समय सीमा होती है. हर बार सर्विस में पार्ट्स बदलवाने की ज़रूरत नहीं होती. एयर फ़िल्टर, ऑयल फ़िल्टर, ब्रेक पैड्स जैसे पार्ट्स बदलने से पहले उनकी हालत ज़रूर देखें.

छोटी मगर दमदार है Maruti की ये कार, 9 मई को मारेगी धमाकेदार एंट्री

फ्यूल इंजेक्टर क्लीनिंग:

नई गाड़ियों में फ्यूल इंजेक्टर क्लीनिंग की ज़रूरत तभी होती है जब इंजन इंडिकेट करे. OBD चेकअप से भी पता चल सकता है कि क्लीनिंग की ज़रूरत है या नहीं. जब तक ज़रूरत न हो, फ्यूल इंजेक्टर क्लीनिंग न करवाएं.

ड्राई क्लीनिंग:

ड्राई क्लीनिंग तभी करवाएं जब ज़रूरत हो.कई बार गाड़ी की हालत ठीक होने के बाद भी ड्राई क्लीनिंग करवाने की सलाह दी जाती है. गाड़ी की अच्छी तरह से देखभाल करें ताकि ड्राई क्लीनिंग की ज़रूरत कम पड़े.

लेबर चार्ज:

बिल में दिए गए सभी चार्ज ध्यान से देखें. आपने जो काम करवाए ही नहीं हैं, उनके लिए दिए गए चार्ज न दें. आप अपनी गाड़ी की सर्विस मैनुअल में भी देख सकते हैं कि कौन से काम कब करवाने चाहिए. कई ऑनलाइन सर्विस भी उपलब्ध हैं, जो आपको गाड़ी की सर्विस के खर्च का अनुमान लगाने में मदद कर सकती हैं. अगर आपको लगता है कि आपसे ज़्यादा पैसे लिए जा रहे हैं, तो आप गाड़ी कंपनी या कंज्यूमर फोरम से भी शिकायत कर सकते हैं.

Hero की बाइक पर टूट पड़े लोग, अप्रैल में बिक गई 5.33 लाख गाड़िया, 34 प्रतिशत की वृद्धि

Next Article

Exit mobile version