Car Airbag: गाड़ियों के दुर्घटनाओं में आधुनिक सुरक्षा उपकरण जैसे एयरबैग यात्रियों को गंभीर और जानलेवा चोटों से बचा सकते हैं. हालांकि, इनका हर गाड़ी दुर्घटना में खुलना जरूरी नहीं होता. कुछ मामलों में, तो यह बेहतर होता है कि एयरबैग बिलकुल न खुलें.
लेकिन, अगर जरूरत के समय एयरबैग नहीं खुलता है, तो यह सुरक्षा और गंभीर चोट के बीच का फर्क हो सकता है, जो आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को पूरी तरह बदल सकता है. अगर आपकी गाड़ी का एयरबैग दुर्घटना के दौरान नहीं खुलता है, तो आप जिम्मेदार पक्षों पर मुकदमा चला सकते हैं.
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इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाईवे सेफ्टी (IIHS) का कहना है कि सीट बेल्ट लगाने वाले यात्रियों के लिए, आमतौर पर गाड़ी की गति कम से कम 10 से 12 मील प्रति घंटे होने पर सामने का एयरबैग खुल जाएगा. यह संभव है कि आपकी गाड़ी पर इतना कम प्रभाव पड़ा हो कि आपका एयरबैग न खुल पाए. अगर दुर्घटना एक निर्धारित गति से कम रफ्तार में होती है, तो कुछ एयरबैग नहीं खुलेंगे.
आम तौर पर लोग मान लेते हैं कि आपकी गाड़ी में लगे हुए सबसे आधुनिक एयरबैग आपको और आपके प्रियजनों को सुरक्षित रखेंगे. लेकिन, जब खराब निर्माण, सामग्री या डिजाइन के कारण एयरबैग में खराबी आ जाती है, तो कार सवारों को गंभीर या जानलेवा चोटें आ सकती हैं.
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अगर आपको खराब एयरबैग या ऐसे एयरबैग के कारण गंभीर चोटें आई हैं जो नहीं खुल पाए, तो आप व्यक्तिगत चोट के वकील की मदद से लाभ उठा सकते हैं. आप अपनी कार के निर्माता, अपने एयरबैग के निर्माता या किसी अन्य जिम्मेदार पक्ष के खिलाफ दावा कर सकते हैं.
कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही आप Motor Accident Claim Tribunal (MACT) में केस फाइल कर इंश्योरेंस कंपनी से भी हर्ज़ाने की मांग कर सकते हैं. अगर आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी कॉम्प्रिहेंसिव है तभी आप इंश्योरेंस कंपनी से हर्ज़ाना मांग सकते हैं. हालांकि यह पूरी तरह कवर नहीं होता. इस पर भी डेप्रिसिएशन नियम लागू होता है.
कानून में अब तक इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है कि बिना एअरबैग के कार चलना अपराध है, लेकिन ये एक हाथ से मोटरसाइकल चलाने जैसा है. इसलिए ये सलाह दी जाती है कि बिना एअरबैग वाली कार का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
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