Global NCAP: भारत की दो MPV कार का अफ्रीका में क्रैश टेस्ट, मिली बेहद शर्मनाक रेटिंग
अफ्रीका में हुई Global NCAP क्रैश टेस्ट में भारत में निर्मित दो MPVs, Renault Triber और Suzuki Ertiga को बेहद शर्मनाक रेटिंग मिली है. इस टेस्ट के बाद भारत में बिकने वाले ये लोकप्रिय कार सवालों के घेरे में हैं.
भारत में निर्मित इन दो बजट MPVs ने अफ्रीका में सेफ्टी के नजरिए बेहद खराब परफॉर्मेंस किया है. ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (GNCAP)में हुए क्रैश टेस्ट में एक और दो रेटिंग हासिल किया है.ये दो MPVs के नाम Renault Triber और Suzuki Ertiga हैं.
Global NCAP Renault Triber: क्रैश टेस्ट परफॉर्मेंस
ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (GNCAP) ने हाल ही में अफ्रीकी बाजारों के लिए बनाई गई भारत की Renault Triber की सुरक्षा जांच की. इस बजट एमपीवी ने पहले चार स्टार रेटिंग हासिल की थी, लेकिन नए और सख्त नियमों के तहत हुए ताज़ा टेस्ट में इसके प्रदर्शन में बड़ी गिरावट देखी गई है.
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Triber की सेफ्टी परफॉर्मेंस में भारी कमी देखी गई और इसे वयस्क यात्री सुरक्षा के लिए निराशाजनक करार देते हुए दो स्टार रेटिंग मिली. कार ने सामने से और साइड की टक्करों में यात्रियों को सीने की चोटों से बचाने में नाकाम रही. इसके अलावा, ISOFIX एंकरेज जैसी महत्वपूर्ण सुरक्षा सुविधाओं की अनुपस्थिति ने बच्चों की सुरक्षा को और खराब कर दिया.
GNCAP ने कार की संरचना को अस्थिर करार दिया है, जिससे टक्कर में यात्रियों की सुरक्षा की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं. अलग-अलग बाजारों में Triber के प्रदर्शन में यह स्पष्ट अंतर कार निर्माताओं द्वारा लोगों की सुरक्षा के बजाय मुनाफे को प्राथमिकता देने के एक चिंताजनक चलन को उजागर करता है.
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Global NCAP Suzuki Ertiga: क्रैश टेस्ट परफॉर्मेंस
इसी तरह का नतीजा मारुति सुजुकी एर्टिगा को भी मिला, जिसे मात्र एक रेटिंग से ही संतुष्ट होना पड़ा है, जो सुरक्षा की दृष्टि से बेहद शर्मनाक है. Ertiga जो भारतीय बाजार में एक लोकप्रिय विकल्प है. कुछ सुधारों के बावजूद, एमपीवी केवल एक स्टार रेटिंग हासिल कर पाई, जिसका मुख्य कारण डिजाइन की कमजोरियां और आवश्यक सेफ्टी फीचर्स की कमी है.
Suzuki Ertiga यात्रियों के सिर और गर्दन की कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान कर सकती है, लेकिन यात्रियों के सीने और निचले पैरों की सुरक्षा में इसका परफॉर्मेंस बेहद असंतोषजनक रहा. साइड एयरबैग की अनुपस्थिति और चाइल्ड सीट स्थापना की समस्याओं ने सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया.
यह देखना दुखद है कि परिवारों द्वारा अक्सर भरोसा किए जाने वाले ये लोकप्रिय मॉडल सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं. ये परिणाम ऑटोमोबाइल उद्योग में सख्त नियमों और यात्री सुरक्षा पर अधिक जोर देने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हैं.
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