Maruti-Suzuki के 40 साल पूरे हुए, भारत में 3 करोड़ से अधिक कार बेचने का बनाया रिकॉर्ड
Maruti-Suzuki ने भारत में 40 साल का सफर तय कर लिया है, और इसके साथ ही 3 करोड़ कार बेचने का रिकॉर्ड भी बनाया है. मारुति 800 कंपनी की सबसे सफल मॉडल में से एक रही है, फिलहाल मारुति-सुजुकी भारत में 18 मॉडल बेचती है, जिसमें Swift, Wagon R, Dzire, Baleno, Eeco, Brezza और Ertiga प्रमुख है .
Maruti-Suzuki ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. कंपनी ने भारत में कार निर्माण शुरू करने के बाद से कुल उत्पादन में 3 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. यह उपलब्धि दिसंबर 1983 में कंपनी के उत्पादन शुरू करने के 40 साल और चार महीने बाद हासिल की गई है. देश की अन्य सभी कार निर्माताओं से काफी आगे निकलते हुए, मारुति सुजुकी ने बताया कि यह उत्पादन मील का पत्थर गुरुग्राम, मानेसर (हरियाणा) और हंसलपुर (गुजरात) में स्थित उनके कारखानों से हासिल किया गया है.
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शुरुआती 11 सालों में Maruti ने सिर्फ 10 लाख कारें बेचीं थी
1994 में मात्र 11 वर्षों के उत्पादन के बाद ही मारुति सुजुकी ने 10 लाख यूनिट के उत्पादन का महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल कर लिया था. शुरुआती सफलता का श्रेय M800 या मारुति 800 मॉडल को जाता है, जिसे अक्सर देश में निजी कार खरीद बाजार में क्रांति लाने वाले मॉडल के रूप में देखा जाता है. कंपनी अंततः अप्रैल 2005 में एक करोड़, और जुलाई 2018 में दो करोड़ के उत्पादन के आंकड़े को छू लेने में सफल रही. इसके बाद, मारुति सुजुकी ने इस साल (2024) अगले एक करोड़ (कुल मिलाकर तीन करोड़) वाहनों का उत्पादन किया.
Maruti 800 की सबसे बड़ी भूमिका
कुल उत्पादन में से, 2.68 करोड़ से अधिक वाहनों का निर्माण हरियाणा में स्थित कंपनी की इकाइयों में किया गया, जबकि 32 लाख से अधिक वाहनों का उत्पादन मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सुजुकी मोटर गुजरात में किया गया. इस उपलब्धि को हासिल करने में प्रतिष्ठित M800 मॉडल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसका योगदान 29 लाख यूनिट से अधिक रहा है. अन्य सफल मॉडलों में Alto 800, Alto K10, Swift, Wagon R, Dzire, Omni, Baleno, Eeco, Brezza और Ertiga शामिल हैं.
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‘मेक इन इंडिया’ के प्रति प्रतिबद्धता
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ हिसाशी ताकेउची ने कंपनी की ‘मेक इन इंडिया’ के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और अपनी सफलता का श्रेय समर्पित कार्यबल और मूल्य श्रृंखला भागीदारों को दिया. उन्होंने कहा, “हम ‘मेक इन इंडिया’ के प्रति प्रतिबद्ध हैं और देश में अपने कार्यों को मजबूत कर रहे हैं, जो घरेलू और वैश्विक बाजारों दोनों को पूरा करते हैं. हम भारत से कुल वाहन निर्यात में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान करते हैं.” कंपनी ने निर्यात की शुरुआत 1987 में की थी.
उत्पादन क्षमता को 40 लाख यूनिट तक बढ़ाने के लिए निवेश
ताकेउची ने कंपनी की भविष्य की योजनाओं को भी रेखांकित किया, जिसमें वित्तीय वर्ष 2030-31 तक वार्षिक उत्पादन क्षमता को 40 लाख यूनिट तक बढ़ाने के लिए निवेश शामिल है. उन्होंने कहा, “इस लक्ष्य की ओर काम करते हुए, हम हरियाणा के खरखोदा और गुजरात में 10 लाख यूनिट क्षमता वाले दो नए ग्रीनफील्ड विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेंगे. हम वित्तीय वर्ष 2030-31 तक मौजूदा 18 मॉडलों की रेंज को बढ़ाकर 28 मॉडल तक भी करेंगे.”
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वर्तमान में मारुति सुजुकी 18 मॉडल बेचती है
वर्तमान में, मारुति सुजुकी नेक्सा, एरिना और कॉमर्शियल रिटेल चैनलों के माध्यम से 18 मॉडल बेचती है. कंपनी अपने उत्पादों का निर्यात वैश्विक स्तर पर लगभग 100 देशों को भी करती है. मारुति सुजुकी ने पिछले वित्तीय वर्ष (वित्तीय वर्ष 2023-24) को 1,759,881 यात्री वाहनों की बिक्री के साथ, अब तक की सबसे अधिक बिक्री और साल-दर-साल 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
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