CCPA ने 5 इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के नाम जारी किया नोटिस, जानें पूरी खबर
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है. लोग फ्यूल से चलने वाली वाहनों को छोड़ अपना रुख इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की तरफ मोड़ रहे हैं. हाल ही में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने से जुड़ी खबरें भी सामने आने लगी थी. आपको बता दें CCPA ने इस मामले से जुड़ी कंपनियों को नोटिस भी जारी किया है.
CCPA On EV Fire Incidents: भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड काफी तेजी से बाद रही है. रोज नए मॉडल्स मार्केट में लॉन्च किये जा रहे हैं और यूजर्स उतनी ही तेजी से उन्हें खरीद भी रहे हैं. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का मार्केट जितनी तेजी से बढ़ा ही उतनी ही तेजी से उनमें आग लगने की घटनाएं भी बढ़ी है. कुछ ही दिनों पहले इन कंपनियों को सरकार की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था और उन पर कार्यवाही करने की भी बात कही गयी थी. सरकार के बाद अब कंज्यूमर प्रोटेक्शन रेगुलेटर (CCPA) ने भी इनमें से 5 कंपनियों के नाम नोटिस जारी कर दिया है.
CCPA ने मंगलवार को किया नोटिस जारी
CCPA ने मंगलवार को इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने वाली घटनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है. CCPA का कहना है कि हमने ग्राहकों द्वारा सही गयी समस्याओं और उनके द्वारा की गयी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए 5 इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनियों को नोटिस भी भेज चुके हैं. CCPA के मुख्य आयुक्त Nidhi Khare ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि- हम इस बारे में जल्द ही कार्यवाही करना शुरू करने वाले हैं.
5 कंपनियों को जारी किये जा चुके हैं नोटिस
CCPA मुख्य आयुक्त Nidhi Khare ने बताया कि- “हमने फिलहाल 4 से 5 इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनियों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है. जारी किये गए नोटिस में कंपनियों से आग लगने का कारण भी पूछा गया है. इन कंपनियों से आग लगने के पीछे के पीछे के मुख्य कारणों को पूछा गया है और साथ ही कारण नहीं बताने से उनपर कार्यवाही की तैयारी भी की जा रही है”. उन्होंने यह भी बताया कि- इन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की वजह से लोगों को काफी नुकसान हुआ है और उनके जान माल को भी हानि पहुंची है. इस मामले में हमने लोगों की शिकायतों को सुना और अब उसपर संज्ञान लेने वाले हैं.
DRDO जल्द सौंपे अपनी रिपोर्ट
Nidhi Khare ने इन आग लगने की घटनाओं के पीछे एक कारणों का पता लगाने का जिम्मा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) को सौंपा था. इस मामले की जांच सम्बंधित दूसरे मंत्रालय भी कर रहे हैं.