ChatGPT पर आया नया प्राइवेसी फीचर, अब यूजर की चैट नहीं होगी रिवील
ChatGPT gets new privacy feature - चैटजीपीटी में नया और जरूरी अपडेट पेश करते हुए ओपनएआई यूजर्स की हिस्ट्री को सिक्योर रखना चाहती है. वहीं, नये फीचर की मदद से यूजर की चैट को प्राइवेट रखा जा सकेगा.
ChatGPT gets new privacy feature: ओपनएआई के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट चैटजीपीटी के लिए नया प्राइवेसी फीचर रोलआउट हो रहा है. दरअसल, माइक्रोसॉफ्ट फंडेड एआई बेस्ड अमेरिकी स्टार्टअप ओपनएआई ने यूजर्स की प्राइवेसी बनाये रखने के लिए चैटजीपीटी में इंकॉग्निटो मोड को रोलआउट कर रहा है. ओपनएआई का मानना है कि इंकॉग्निटो मोड आने से चैटजीपीटी यूजर की चैट सिक्योर रहेगी.
यूजर की चैट रहेगी प्राइवेट
चैटजीपीटी में नया और जरूरी अपडेट पेश करते हुए ओपनएआई यूजर्स की हिस्ट्री को सिक्योर रखना चाहती है. वहीं, नये फीचर इंकॉग्निटो मोड की मदद से यूजर की चैट को प्राइवेट रखा जा सकेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूजर की प्राइवेसी से जुड़े मामलों को लेकर चैटजीपीटी मॉडल इटली में बैन है. बता दें कि आधारित चैटबॉट सुविधा चैटजीपीटी को पिछले साल नवंबर में रोलआउट किया गया था और यह देखते ही देखते टेक की दुनिया का एक बड़ा आकर्षण बन गया है.
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इंकॉग्निटो मोड क्या है?
यह प्राइवेट मोड सेफ सर्चिंग का तरीका है. जब कोई यूजर अपने सिस्टम पर इंटरनेट का इस्तेमाल कर किसी वेबसाइट पर विजिट करता है या कोई जानकारी तलाशता है, वेब ब्राउजर डिफॉल्ट मोड में यूजर की सर्च हिस्ट्री और एक्टिविटी को ट्रैक करता है. सिस्टम में रिकॉर्ड होने से हिस्ट्री के जरिये उस इंफॉर्मेशन के पेज पर पहुंचा जा सकता है. ऐसे में यहां यूजर की प्राइवेसी मार खा जाती है. ऐसे में काम आता है इंकॉग्निटो मोड. इसका इस्तेमाल प्राइवेसी से जुड़ा होता है. दरअसल, कुछ परिस्थितियों में यूजर नहीं चाहता कि उसके द्वारा सर्च किये गए कंटेंट का रिकॉर्ड रखा जाए. ऐसे में इंकॉग्निटो मोड यूजर की पहचान और उसकी वेब हिस्ट्री को छिपा कर रखता है.