वाहनों के निर्यात में चीन ने जापान को पछाड़ा, दुनिया में बना नबंर वन

चीन-जापान के व्यापारिक समूहों के आंकड़ों से पता चलता है कि जापान ने अब विदेशी बंदरगाहों पर भेजी जाने वाली वाहन इकाइयों की संख्या में जबरदस्त बढ़त ले ली है. जापान कई वर्षों से वाहनों के निर्यात के मामले पूरी दुनिया में सबसे आगे रहा है.

By KumarVishwat Sen | August 24, 2023 11:27 AM

नई दिल्ली : वाहनों के निर्यात के मामले में चीन ने अपने पूर्वी पड़ोसी देश जापान को पछाड़कर दुनिया भर में नंबर वन बन गया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीन दुनिया में अग्रणी वाहन निर्यातक देश के रूप में जापान से आगे निकल गया है. चीन पहले से ही दुनिया में सबसे बड़ा वाहन विनिर्माण देश और कारों के लिए सबसे बड़ा बाजार है. अब वाहन निर्यात में अपने पूर्वी पड़ोसी को पछाड़ने के बाद उसे एक और उपलब्धि हासिल हुई है.

चीन में तेजी से बढ़ा वाहनों का निर्यात

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन-जापान के व्यापारिक समूहों के आंकड़ों से पता चलता है कि जापान ने अब विदेशी बंदरगाहों पर भेजी जाने वाली वाहन इकाइयों की संख्या में जबरदस्त बढ़त ले ली है. जापान कई वर्षों से वाहनों के निर्यात के मामले पूरी दुनिया में सबसे आगे रहा है, लेकिन हाल के दिनों में इसके ऑटोमोटिव उद्योग को जोरदार गिरावट के दौर से गुजरना पड़ा है. हालांकि, चालू कैलेंडर वर्ष के पहले छह महीनों में जापान का विदेशी वाहन निर्यात 17 फीसदी बढ़कर 2.02 मिलियन यूनिट हो गया, लेकिन चीन से निर्यात में वृद्धि की गति बहुत तेज थी. चाइना एसोसिएशन ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के आंकड़ों के अनुसार, चीन ने वर्ष 2023 के पहले छह महीनों में 2.32 मिलियन यूनिट्स का निर्यात किया, जो 2022 में इसी समय सीमा के भीतर निर्यात आंकड़ों से 77 फीसदी अधिक है.

इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात बढ़ रहा चीन प्रभुत्व

कई विदेशी बाजारों में इलेक्ट्रिक वाहनों या ईवी और प्लग-इन इलेक्ट्रिक्स की बढ़ती मांग से वाहन निर्यात में चीन का प्रभुत्व बढ़ रहा है. आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2023 के पहले छह महीनों में चीन से इलेक्ट्रिक और प्लग-इन इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात 160 फीसदी बढ़कर लगभग 5,30,000 यूनिट हो गया. कई वैश्विक निर्माताओं द्वारा यहां से इकाइयां भेजने के साथ-साथ स्थानीय कंपनियों की एक बटालियन की नजर विदेशी बाजारों पर है, जिससे चीन से वाहनों के निर्यात में बढ़ोतरी की संभावना बनी रहेगी.

वाहनों के निर्माण, खरीद और बिक्री में भी चीन नंबर वन

चीन वाहन निर्माण, वाहन खरीद और ईवी मांग और बिक्री में वैश्विक लीडर है. संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार है, जबकि भारत ने हाल ही में जापान को पछाड़कर तीसरा स्थान हासिल किया है. वाहन निर्यात में भी चीन का दबदबा लगातार बढ़ रहा है और देश ने पिछले साल ही जर्मनी को पछाड़कर दूसरा स्थान हासिल कर लिया है. चीन को जापान को चुनौती देने में मदद करने के लिए 2022 में निर्यात में प्रभावशाली 54 फीसदी की वृद्धि हुई थी, एक चुनौती जिसे अब पूरा कर लिया गया है.

भारत में तैयार वाहनों का निर्यात घटा

मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत से वाहनों का निर्यात मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल-जून की पहली तिमाही में 28 फीसदी घट गया है. वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम ने जुलाई में जानकारी दी थी कि अफ्रीका और अन्य अलग-अलग विकासशील देशों में मौद्रिक संकट के कारण भारत के वाहन निर्यात में गिरावट आई है. सियाम के आंकड़ों के अनुसार, 30 जून, 2023 को समाप्त पहली तिमाही में कुल वाहन निर्यात 10,32,449 यूनिट रहा. पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 14,25,967 यूनिट रहा था. जून तिमाही में सवारी वाहनों का कुल निर्यात 5 फीसदी घटकर 1,52,156 यूनिट रह गया. वहीं, पिछले साल की अप्रैल-जून की अवधि में यह आंकड़ा 1,60,116 यूनिट रहा था.

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अफ्रीकी संकट से भारत के वाहन निर्यात पर पड़ा असर

विदेशों से घटती मांग के चलते देश से वाहनों का निर्यात 2023 की पहली अप्रैल-जून की पहली तिमाही में 28 फीसदी घट गया है. वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के ताजा आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि देश के वाहन निर्यात में में करीब 4 लाख वाहनों के निर्यात की कमी दर्ज की गई है. भारत से वाहनों का निर्यात मुख्यत: अफ्रीकी देशों में होता है। इसके साथ ही दक्षिणी अमेरिका और पश्चिम एशिया भी भारतीय वाहन उद्योग के लिए बड़ा बाजार हैं, लेकिन अफ्रीका की कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के कमजोर पड़ने से भारत के वाहन निर्यात में गिरावट आई है.

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